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हुजूर के यौमे पैदाइश पर मधुबनी में शान से निकला जुलुस-ए-मोहम्मदी

मधुबनी-09 अक्टुबर। जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मुबारक मौके पर इंसानियत और भाईचारा कायम रखना हमारी जिंदगी का मकसद होना चाहिए। अंजुमन इत्तेहाद-ए-मिल्लत के आयोजन सुड़ी हाई स्कुल के मैदान से जुलुस-ए-मोहम्मदी हर साल की तरह इस साल भी निकाला गया। जुलुस का नेतृत्व अंजुमन इत्तेहाद-ए-मिल्लत के अध्यक्ष मो. अमानुल्लाह खान ने किया। जबकी जुलुस की सरपरस्ती मौलाना जमीरूद्वीन,मौलाना कारी समीम अनवर,मौलाना अब्दुल मन्नान मिस्बाही,मौलाना अंजारूल हक,मौलाना मो. शकिल रजा,मौलाना गुलाम मुर्तुजा,मौलाना मो.मंजुर,हाफिज मो. ईरशाद,मो. समीतुल्लाह खान उर्फ झुन्ना खान,मो.जमील अंसारी आदि ने किया। वहीं धार्मिक प्रवचनकर्ताओं ने अपने पैगम्बर हजरत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए मार्ग पर चलने की आम लोगों से अपील की। आलिमों ने बताया कि हमारे पैगम्बर सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आऐं, उनके बताए रास्ते पर चलने वाला चाहे वो किसी भी मजहब का क्यों ना हो मानवता को कभी तकलीफ नहीं दे सकता, वह षांति के दुत्त थे। उन्होने अपनी जिंदगी में समाज में बढ़ती बुराई को रोकने का काम किया वजह यही है आज दुनिया में इस्लाम मजहब के मानने वाले आका की मोहब्बत में किसी को तकलीफ देने से बचते है। आज भी समाज में फैली बुराई झुठ, फरेब,धोखा,जुआ,शराब,सुद, दहेज जैसी लानत से मुसलमान बचने की कोशिश करते है।

मो. अमानुल्लाह खान ने कहा कि इस्लाम पुरी दुनिया को अमन और शांति का पैगाम देता है। उन्होने कहा कि हुजूर की पैदाइष 570 इस्वी में हुई। तथा उन्हे 40 साल की उम्र में ही पैगम्बरी मिली थी। हुजूर ने 610 इस्वी से इस्लाम का प्रचार शुरू किया और लोगों को इस्लाम की खुबी बताया। जिसके बाद लोग इस्लाम को अपनाते गए। यही कारण है कि इस्लाम को मामने वाले देष ही नही, बल्कि पुरे दुनिया के कोने-कोने में मिलेंगे। हुजूर ने 622 इस्वी में अपने अनुयायियों के साथ मक्का से मदीना की हिजरत की। इसी हिजरत से हिजरी कैलेंडर की शुरूआत हुई थी।

मौके पर जुलुस-ए-मोहम्मदी में मो. उसमान,समसुल हक खान,मो. साबिर रिजवी, परवेज हसन दानिश,अब्दुल रज्जाक,मो. आदिल, हाजी रेहान आलम,मो. जहांगीर, समीउल्लाह अंसारी,आलम अंसारी,मो. दानिश,मो. यहया, मो. गुलाब शेख,मो. समशुल हक, रिजवान हसन रोमी,मो. जावेद रजा,डा. मासुक अंजुम,मौलाना अंजारूल हक,मो. गुलाब, मो. जुल्फिकार,कैसर एकबाल मिन्टु,खालिद आजम रब्बानी,मो. हिरा,अकबर खान,मुराद खान,गुलाम मोहम्मद,मो. तौहिद,मो. ऐनुल अंसारी,मो. अली, मो.इम्तियाज, मो.सावान,मो.चांद होटल वाला, षेर मोहम्मद,मो. लाल मास्टर के अलावा षहर के कोन-कोने से आए इम्माए मसाजिद (इमाम मस्जिद) ने आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के जिंदगी पर रौषनी डालकर आम अवाम को बेदार किया। वहीं अंजुमन इत्तेहाद-ए-मिल्लत के अध्यक्ष मो. अमानुल्लाह खान ने उन तमाम लोगों का षुक्रिया अदा किया। जिन्होंनें जगह-जगह पानी, शरबत, फ्रुट-फल और मिठाइयों का स्टाँल लगाकर जुलुस में शिरकत करने वालों की खिदमत की उन सभी का शुक्रिया अदा किया।

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