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हिमाचल के कई जिलों में भारी वर्षा का येलो और ऑरेंज अलर्ट, अब तक 161 की मौत, 1506 करोड़ का नुकसान

शिमला- 27 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम के तेवर सख्त होने वाले हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य के कई जिलों में 28, 29 और 30 जुलाई के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य में हल्की से मध्यम बारिश का दौर तो जारी रहेगा, लेकिन कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश, गरज और बिजली गिरने की भी चेतावनी जारी की गई है।

तीन दिन अलर्ट, फिर कुछ राहत की उम्मीद—

28 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश के साथ गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। वहीं चंबा और कुल्लू जिलों में भी गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। किन्नौर और लाहौल स्पीति जिलों के लिए इस दिन कोई चेतावनी नहीं है। जबकि अन्य सभी 10 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

29 जुलाई को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, जिसको लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा चम्बा, सोलन और सिरमौर में भी गरज और बिजली गिरने के साथ भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। अन्य जिलों में सामान्य बारिश की संभावना बनी हुई है।

30 जुलाई को कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जबकि 31 जुलाई से मौसम में कुछ सुधार के आसार हैं और इस दिन किसी भी जिले के लिए कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है, हालांकि बारिश की संभावना बनी रहेगी।

सड़कों से लेकर बिजली-पानी तक जनजीवन प्रभावित—

मानसून के चलते हिमाचल प्रदेश में पहले से ही भारी नुकसान हुआ है। रविवार शाम तक राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में दो नेशनल हाईवे समेत 197 सड़कें बंद हैं। मंडी और कुल्लू जिलों में एक-एक नेशनल हाईवे अवरुद्ध है। अकेले मंडी जिले में 130 सड़कें और कुल्लू में 45 सड़कें बंद हैं।

बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। प्रदेश में 75 ट्रांसफार्मर और 97 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। मंडी में 24 ट्रांसफार्मर और 38 पेयजल योजनाएं, कुल्लू में 47 ट्रांसफार्मर और कांगड़ा के धर्मशाला व नूरपुर उपमंडलों में 59 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

मानसून से अब तक भारी तबाही—

मानसून सीजन की शुरुआत से अब तक बारिश और भूस्खलन के कारण 20 जून से लेकर अब तक 161 लोगों की मौत हो चुकी है, 263 लोग घायल हुए हैं और 35 लोग लापता बताए जा रहे हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 32 मौतें और 27 लोग लापता हुए हैं। कांगड़ा में 23, कुल्लू व चंबा में 17-17, शिमला में 12, सोलन व ऊना में 11-11, हमीरपुर व किन्नौर में 10-10, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।

मकानों और पशुधन को भी नुकसान—

प्रदेश में अब तक 1316 मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 418 मकान पूरी तरह ढह गए हैं। मंडी जिले में अकेले 986 मकान प्रभावित हुए, जिनमें 376 पूरी तरह से गिर गए। इसके अलावा करीब 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1402 मवेशियों की भी मौत हो चुकी है।

1506 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान—

राज्य में अब तक इस मानसून सीजन में लगभग 1506 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 768 करोड़ रुपये और जलशक्ति विभाग को 495 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अब तक 42 बार फ्लैश फ्लड, 25 बार बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं।

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