
हिन्दी भाषी राज्यों के लिए DMK सांसद के विवादित बोल, बाद में मांगी माफी
नई दिल्ली-05 दिसंबर। द्रमुक नेता सेंथिल कुमार ने मंगलवार को लोकसभा में एक विवादित बयान देते हुए हिन्दी भाषी राज्यों के लिए एक विशेष शब्द का प्रयोग किया था। अब उन्होंने इसको लेकर माफी मांगी है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने एक शब्द का इस्तेमाल अनुचित तरीके से किया है। उनका इरादा किसी भी तरह से इस शब्द के प्रयोग का नहीं था। मामले में गलत संदेश देने के लिए वे क्षमा चाहते हैं।
द्रमुक नेता सेंथिल कुमार ने मंगलवार को लोकसभा में एक विवादित बयान देते हुए हिन्दी भाषी राज्यों के लिए एक विशेष शब्द का प्रयोग कर कहा कि भाजपा केवल इन्हीं राज्यों में चुनाव जीतती है। हालांकि बाद में इस शब्द को लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया।
उन्होंने हिंदी पट्टी के राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की। भाजपा की ताकत मुख्य रूप से हिंदी के गढ़ राज्यों में चुनाव जीतना है।
सेंथिल कुमार ने दक्षिण राज्यों तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भाजपा की विफल बताया। यह पहली बार नहीं है कि सेंथिल कुमार ने हिंदी पट्टी के राज्यों के लिए इस शब्द का प्रयोग किया हो। 2022 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए डीएमके सांसद ने इस शब्द का प्रयोग किया था।
द्रमुक सांसद जम्मू-कश्मीर से तुलना करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ‘अप्रत्यक्ष शासन’ करने के लिए तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश में बदल सकती है।
उनके बयान पर भारतीय जनता पार्टी की नेता एवं केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह सनातनी परंपरा का अपमान है। द्रमुक को भी जल्द ही पता चल जाएगा। देश की जनता इस तरह की सोच को बर्दाश्त नहीं करेगी। देश की भावनाओं से खेलने की कोशिश करने वालों को जनता करारा जवाब देगी।



