
सूबे में चुनाव कराने के लिए कश्मीरी केंद्र के सामने भीख नहीं मांगेंगेः उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर- 10 जनवरी। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि चुनाव लोगों का अधिकार है लेकिन कश्मीरी जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के लिए केंद्र के सामने भीख नहीं मांगेंगे।
अब्दुल्ला ने अनंतनाग जिले में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अगर इस साल चुनाव नहीं होते हैं तो न हों, हम भिखारी नहीं हैं। मैंने बार-बार कहा है कि कश्मीरी भिखारी नहीं हैं। चुनाव हमारा अधिकार है लेकिन हम इस अधिकार के लिए उनसे भीख नहीं मांगेंगे। वे (केंद्र सरकार) हमारे लिए चुनाव बहाल करना चाहते हैं लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करना चाहते हैं, तो ऐसा न करें।
संपत्तियों और राज्य की भूमि से लोगों को बेदखल करने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने दावा किया कि यह जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं होने के कारणों में से एक है, इसलिए वे (केंद्र) चुनाव नहीं करा रहे हैं। वे लोगों को परेशान करना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि लोगों के घावों पर मरहम लगाने के बजाय उन्हें चोट को और बढ़ाने की आदत है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार जानती है कि एक चुनी हुई सरकार लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश करेगी जबकि वे उन पर नमक-मिर्च मलते हैं।
राजौरी हमले के बाद ग्राम रक्षा गार्डों को हथियार देने के सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को देश को बताया गया कि कश्मीर में बंदूक अनुच्छेद 370 के कारण है, जिसे निरस्त करने के साथ ही बंदूक संस्कृति कम होने लगेगी। हालाँकि जैसा कि स्पष्ट है कि जमीन पर ऐसा नहीं है। राजौरी में जिस तरह के हमले हमने देखे हैं और कश्मीर में जो हालात हैं, वहां सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई जा रही है। ये सब इस बात की ओर इशारा करते हैं कि स्थिति नियंत्रण में नहीं है। सरकार अब ये कदम उठाने के लिए मजबूर है।



