ताज़ा ख़बरें

 साझा मंच के जरिये ब्रिक्स देश अंतरिक्ष खोज की दिशा में करें मिलकर प्रयास: PM मोदी

नई दिल्ली- 23 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स संगठन को ओर कारगर बनाने के लिए अंतरिक्ष खोज, डिजिटल आधारित शिक्षा, कौशल विकास, परंपरागत औषधि और बाघ-चीता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के पांच सुझाव दिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के खुले सत्र में अपने संबोधन में कहा कि ब्रिक्स देश अंतरिक्ष क्षेत्र में पहले से सहयोग कर रहे हैं। उपग्रह सहयोग से आगे बढ़ते हुए अब ब्रिक्स देश अंतरिक्ष खोज संबंधी साझा तंत्र निर्माण कर सकते हैं। इस संगठन के जरिए मौसम संबंधी जानकारियां हासिल की जा सकती हैं। यह जानकारी दुनिया के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपना दूसरा सुझाव शिक्षा, कौशल विकास और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाना होगा, जिसमें प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

उन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए भारत में चलाए जा रहे ज्ञान प्रसार के दीक्षा मंच का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने बच्चों में अटल टिंकरिंग लैब के जरिये नवाचार को प्रोत्साहन देने तथा भाषा संबंधी अवरोधों को दूर करने के लिए भाषिणी प्लेटफार्म का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के सदस्य देश भारत के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने वैक्सीन के अधिकार और जनता तक विभिन्न सुविधाएं पहुंचाने के लिए बनाए गए तंत्र को भी साझा उपयोग के लिए पेश किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विविधता भारत के एक बहुत बड़ी ताकत है। भारत में किसी भी समस्या का हल इस विविधता के बीच से ही उभर कर सामने आता है। इसलिए भारत के अनुभवों को दुनिया के किसी भी देश में सरलता से अपनाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सदस्य देशों की क्षमताओं और योग्यताओं को पहचान कर उनका लाभ उठा सकते हैं। इसके जरिए एक दूसरे की विकास यात्रा में सहयोगी बन सकते हैं।

मोदी ने चौथा सुझाव शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ आदि के संरक्षण के बारे में दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स समूह के पांचों देशों में बिग कैट्स की प्रजातियां पाई जाती हैं। अंतरराष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन के जरिए वन्यजीवों के संरक्षण के लिए हम मिलकर काम कर सकते हैं।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा ने बाद में मोदी के इस सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्रीजी आप चीतों के देश में आए हैं, हमने आपको चीते दिए हैं, वहां उनकी देखभाल हो रही है और हम आपको आगे भी चीते भेजने के लिए तैयार हैं। उपस्थित नेताओं और प्रतिनिधियों ने रामाफोसा के इस कथन का करतल ध्वनि से स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अंतिम और पांचवा सुझाव परंपरागत औषधि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों में परंपरागत औषधियों का प्रचलन रहा है और हमें इन औषधियों एक साझा पूल बनाने का प्रयास करना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि इस आयोजन का आदर्श वाक्य है, एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य है। उन्होंने कहा कि भारत ने अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थाई सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी सदस्य देश इसका स्वागत और समर्थन करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स विस्तार का समर्थन करते हुए कहा कि मतैक्य के जरिये इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में भारत ने ब्रिक्स को समावेशी और चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान हासिल करने वाले संगठन के रूप में परिभाषित किया था। सात वर्ष बाद हम कह सकते हैं कि ब्रिक्स अवरोधों को पार कर रहा है। उन्होंने ब्रिक्स देशों से साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जोहान्सबर्ग से ही कुछ दूर महात्मा गांधी ने 110 वर्ष पूर्व टॉलस्टॉय फॉर्म का निर्माण किया था । दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा ने बाद में प्रधानमंत्री के इस कथन के संबंध में कहा कि महात्मा गांधी की विरासत से दक्षिण अफ्रीका के मुक्ति संघर्ष को भी प्रेरणा मिली।

मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने दो दशकों के दौरान एक लंबी और शानदार यात्रा तय की है। इसमें हमने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। ब्रिक्स का नया डेवलपमेंट बैंक ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों ) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

ब्रिक्स उपग्रह, वैक्सीन निर्माण, परंपरागत औषधियों को मान्यता देने जैसे क्षेत्र में सहयोग से इन देशों के लोगों में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। युवा सम्मेलन, ब्रिक्स खेलकूद प्रतियोगिता व अन्य संस्थाओं के मंच के जरिए लोगों से लोगों के संपर्क-संबंध बढ़ रहे हैं।

ब्रिक्स खुले अधिवेशन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया। उन्होंने यूक्रेन संघर्ष की विशेष रूप से चर्चा की तथा इसके लिए पश्चिमी देशों को दोषी ठहराया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश दुनिया में नव उपनिवेशवाद के जरिए दादागिरी कायम करना चाहते हैं।  चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने भी खुले सत्र को को संबोधित किया।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button