नई दिल्ली- 13 जून। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) पेपर लीक के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद शास्त्री भवन में पत्रकारों से बातचीत में प्रधान ने कहा कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ था। अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। एनटीए में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। यह एक बहुत ही विश्वसनीय संस्था है।
नीट-यूजी 2024 परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नीट मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। करीब 24 लाख छात्रों ने नीट परीक्षा दी थी और करीब 13 लाख छात्रों ने क्वालिफाई किया। 13 भाषाओं में आयोजित परीक्षा के लिए करीब 4500 केंद्र बनाए गए थे। इस बार जब परीक्षा हुई तो 4500 केंद्रों में से 6 केंद्रों पर गलती से गलत प्रश्नपत्र भेज दिए गए। बाद में सही प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए लेकिन इसमें थोड़ा समय लगा। इन केंद्रों पर करीब 1563 छात्र परीक्षा दे रहे थे और उन्हें समय का नुकसान उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक स्थायी आदेश में कहा गया है कि दोबारा परीक्षा की जगह ग्रेस मार्क्स दिए जाएं। एनटीए ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की और ग्रेस मार्क्स नियम लागू किया। बाद में पता चला कि कुछ छात्रों को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं। इसके बाद कुछ लोग कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि 1563 छात्रों को नीट परीक्षा में दोबारा शामिल होने या मूल अंक (ग्रेस मार्क्स के बिना) स्वीकार करने का विकल्प दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करता हूं। भारत सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। एनटीए देश में 3 प्रमुख परीक्षाएं यानी नीट, जेईई और सीयूईटी सफलतापूर्वक आयोजित करता है।