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शिक्षा की गुणवत्ता में मप्र की बड़ी छलांग, 17वें से पांचवें नम्बर पर पहुंचा: पीएम मोदी

भोपाल- 12 अप्रैल। नेशनल अचीवमेंट सर्वे में मध्य प्रदेश ने शिक्षा की गुणवत्ता में बड़ी छलांग लगाई है । इस रैंकिंग में मध्य प्रदेश सत्रहवें नंबर से पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। यानी 12 नंबर की छलांग, वह भी बिना हो-हल्ला किए, बिना शोर मचाए, बिना विज्ञापनों पर पैसे लुटाए, चुपचाप इस तरह का कार्य करने के लिए समर्पण चाहिए।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश के नवनियुक्त शिक्षकों से वर्चुअल संवाद करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘इस कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए एक प्रकार से साधना भाव चाहिए। शिक्षा के प्रति भक्ति चाहिए। मैं मध्य प्रदेश के सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों, मप्र सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण सिद्धि के और मौन साधना के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष एक लाख से अधिक सरकारी पदों पर भर्ती का लक्ष्य रखा है। इस साल के अंत तक 60 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का भी लक्ष्य है, यह इन्हीं प्रयासों का परिणाम है।’

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में युवाओं को सरकारी नौकरी देने का अभियान तेज गति से चल रहा है। अलग-अलग जिलों में रोजगार मेले का आयोजन कर विभिन्न पदों पर हजारों युवाओं की भर्तियां की गई हैं। इनमें से 22 हजार 400 से ज्यादा युवाओं की शिक्षक के पद पर भर्ती हुई है। आज अनेकों युवाओं को नियुक्ति पत्र भी मिले हैं। मैं सभी युवाओं को शिक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य से जुड़ने के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘केंद्र सरकार ने आधुनिक और विकसित भारत की आवश्यकताओं को देखते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। यह नीति बच्चों के सर्वांगीण विकास, संपूर्ण विकास, ज्ञान, कौशल, संस्कार और भारतीय मूल्यों के संवर्धन पर जोर देती है। इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।’

उन्होंने कहा कि ‘मध्य प्रदेश में व्यापक तौर पर शिक्षक नियुक्ति का अभियान इस दिशा में बड़ा कदम है। मुझे बताया गया है कि कुल नई भर्तियों में से लगभग आधे शिक्षक आदिवासी इलाकों के नियुक्त होंगे। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति से सबसे अधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को होगा। हमारी भावी पीढ़ी को होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री बोले कि ‘आजादी के अमृतकाल में देश बड़े लक्ष्यों और संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विकास के जो कार्य हो रहे हैं, वह आज हर सेक्टर में रोजगार के नए अवसर बना रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में आज जिस तेज गति से इंफ्रास्ट्रक्चर की रफ्तार बढ़ी है, उससे भी रोजगार की नई संभावनाएं बढ़ी हैं। जैसे कुछ दिनों पहले भोपाल से दिल्ली के बीच वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हुई है। इस ट्रेन से प्रोफेशनल कारोबारियों को तो सुविधा मिलेगी साथ में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।’

उन्होंने कहा, ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ऐसी अनेक योजनाओं से भी स्थानीय उत्पाद दूर-दूर तक पहुंच रहे हैं। यह सभी योजनाएं रोजगार बढ़ाने और आय बढ़ाने में मदद कर रही हैं। इसके साथ ही मुद्रा योजना से बहुत लोगों को बड़ी मदद मिली है जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर थे लेकिन स्वरोजगार करना चाहते थे। सरकार ने पॉलिसी लेवल पर बदलाव किए हैं। उसने भारत के स्टार्टअप के सिस्टम में रोजगार के अनेकों अवसर बनाए हैं। रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार का स्किल डवलपमेंट पर भी विशेष जोर है।

मोदी ने बताया कि ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए देश भर में कौशल विकास केंद्र खोले गए हैं। इस वर्ष बजट में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल केंद्र खोलने का ऐलान किया गया है, इनमें युवाओं को न्यू टेक्नोलॉजी द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी। इस साल के बजट में पीएम विश्वकर्मा योजना के जरिए छोटे कारीगरों को ट्रेनिंग देने के साथ उन्हें एमएसएमई से जोड़ने की पहल की गई है।’

वहीं, प्रधानमंत्री ने प्रदेश के सभी नवनियुक्त शिक्षकों से यह भी कहा कि ‘एमपी में जिन हजारों शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उन्हें मैं एक और बात कहना चाहता हूं- आप अपने पिछले 10-15 वर्षों के जीवन को देखिए, आप पाएंगे कि जिन लोगों ने आपके जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव डाला उनमें आपकी माताजी, आपके शिक्षक जरूर हैं। जिस तरह से आपके हृदय में आपके शिक्षक हैं, वैसे ही अपने विद्यार्थियों के दिल में आपको जगह बनानी है। आपको इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि आपकी शिक्षा देश का सिर्फ वर्तमान ही नहीं बल्कि भविष्य संवारने का माध्यम है।

उन्होंने कहा कि ‘आपकी दी गई शिक्षा सिर्फ एक विद्यार्थी में ही नहीं बल्कि समाज में भी परिवर्तन लाएगी। आप जिन मूल्यों को आगे बढ़ाएंगे वह सिर्फ आज की पीढ़ी को ही नहीं बल्कि आने आने वाली कई पीढ़ियों में भी सकारात्मक प्रभाव पैदा करेगी। मुझे पूरा भरोसा है कि बच्चों की शिक्षा और उनके संपूर्ण विकास के लिए आप हमेशा समर्पित रहेंगे। एक बात हमेशा मेरे लिए कहता हूं कि मैं मेरे भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नहीं देता हूं, आप शिक्षक बने हैं लेकिन आप आपके भीतर के विद्यार्थी को हमेशा जागृत रखिए। हमेशा चेतन मन रखिए, आपके भीतर का विद्यार्थी ही आपको जीवन की अनेक ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा। कार्यक्रम में इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों को संबोधित किया और उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपे।

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