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विश्व का सबसे अत्याधुनिक एयरपोर्ट होगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सितंबर 2024 में चालू करने का लक्ष्य

नोएडा- 10 नवम्बर। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट विश्व का सबसे अत्याधुनिक एयरपोर्ट होगा। जिसमें न केवल यात्रियों के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी बल्कि यात्रियों की जेब पर कम से कम असर पड़े इसका भी ख्याल रखा जाएगा। एयरपोर्ट चार चरणों मे पूरा होगा और सात करोड़ यात्रियों की यात्रा के लिए तमाम इंतज़ाम किये जायेंगे। पहला चरण वर्ष 2024 में पूरा होगा और 10 लाख यात्री यात्रा कर सकेंगे।

यह जानकारी गुरुवार को एयरपोर्ट का निर्माण कर रही इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी क्रिस्टोफ श्रेलमन और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि हर हालत में सितम्बर 2024 तक गौतमबुद्धनगर में देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा तैयार करने का लक्ष्य कम्पनी ने रखा है। पहला चरण पूरा होने और एयरपोर्ट को शुरू होने पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक महीने में 10 लाख लोग हवाई यात्रा करेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य के लिए फिलहाल 1000 वर्कर कार्य कर रहे हैं, लेकिन इनकी संख्या अधिकतम 5000 की जा रही है।

उन्होंने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से पीपीपी मॉडल के तहत 5730 करोड़ रुपए के निवेश के साथ बनाया जा रहा है। बताया कि वीआईएपीएल के लिए रियायत की अवधि ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए 1 अक्टूबर 2021 से 40 सालों के लिए शुरू की गई है। यह एयरपोर्ट 1300 हेक्टेयर जमीन में फैला है और इसका निर्माण चार चरणों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण के दौरान एक रनवे और एक टर्मिनल 12 मिलियन यात्रियों के ट्रैफिक को संभाल सकेगा। अंतिम चरण पूरा होने के बाद इस एयरपोर्ट के दो टर्मिनल और दो रनवे होंगे जो हर साल 70 मिलियन यात्रियों को संभालेंगे।

उन्होंने बताया कि इस एयरपोर्ट के डिजाइन की प्रेरणा भारत से ली गई है और इस क्षेत्र के वास्तुकला से प्रेरित अनेक तत्वों के डिजाइन को शामिल किया गया। इस टर्मिनल के बाहरी कोर्ट की सीढ़ियां वाराणसी और हरिद्वार के मशहूर घाटों से प्रेरित जो लोगों का स्वागत कर उन्हें एक साथ लाने का काम करेगी। साथ ही यह उन्हें हवेली का रूप एहसास कराते हुए कोर्टयार्ड यानी आंगन से ताजा हवा और धूप टर्मिनल के भवन में प्रवेश करती दिखाई देंगी। बताया कि उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण नदियों से प्रेरित सफेद ट्रांसलेट और लहरदार नदी का प्रभाव उत्पन्न करेंगी। यात्री टर्मिनल में बड़ी कला से बनी जालीदार स्क्रीन भी रहेगी जो भारतीय वास्तुकला से प्रेरित होंगी। उन्होंने बताया कि टर्मिनल-1 में हर साल 30 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी और टर्मिनल 2 में 40 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी। यात्रियों के आवागमन के लिए टर्मिनलों का आपस में जोड़ा जाएगा। पैदल चलने की दूरी पर पर्यावरण का प्रभाव कम से कम हो इसका पूरा इंतजाम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट का डिजाइन कैरियर के लिए संचालन की कम लागत और घरेलू से याद घरेलू यात्रियों एवं घरेलू उपचार राष्ट्रीय आवागमन के लिए सुगम आवागमन प्रक्रिया में मदद करेगा।

उन्होंने बताया कि यात्रियों के सुगम एवं कंसलटेंट आवागमन के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से डिजिटल एयरपोर्ट के रूप में नए मानक स्थापित करेगा। इसमें इंटीग्रेटेड सिस्टम और सेवाओं द्वारा मदद मिलेगी। जिसमें भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय यात्रा पॉलिसी के अनुरूप इंदौर नेवीगेशन पैसेंजर फ्लोर मैनेजमेंट एवं स्मार्टफोंस द्वारा चेकिंग बैकड्राप सभी चेकप्वाइंट पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसे टेक्नोलॉजी कस्टमर होगा। एनआइए उत्तर भारत का मुख्य एयर कार्गो गेटवे भी बनाएगा। यह एयरपोर्ट के परिवेश का विकास करेगा। इसमें अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोडक्ट होंगे। जो सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया द्वारा समर्थित होंगे। इसमें स्विस एफिशिएंसी, सहजता व क्वालिटी शामिल है। इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल कार्गो हब उप्र के बीच में लॉजिस्टिक नक्शे पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एयरपोर्ट कार्गो लॉजिस्टिक के साथ निर्माण केंद्र होगा। बताया कि प्रधानमंत्री के सपनों को भी यह टर्मिनल पूरा करेगा।

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