वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान: NSO

नई दिल्ली- 06 जनवरी। विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जारी अग्रिम अनुमान में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को आर्थिक वृ्द्धि दर का अग्रिम अनुमान जारी किया है। एनएसओ के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर 8.7 फीसदी रहा था। आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी 157.60 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनंतिम अनुमान 147.36 लाख करोड़ रुपये था। एनएसओ का यह आंकड़ा 2011-12 के स्थिर मूल्य पर आधारित है।

दरअसल, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान बेहद अहम होता है। इन आंकड़ों का उपयोग अगले वित्त वर्ष 2023-24 का बजट तैयार करने के लिए किया जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पांचवां पूर्ण बजट पेश करेंगी, जिसमें एनएसओ के जीडीपी आंकड़ों का इस्तेमाल बजट बनाने में बेस के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।

दूसरी तरफ, रिजर्व बैंक ऑफ इडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई ने इससे पहले 7 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया था, लेकिन दिसंबर महीने में इसे घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया था। इससे पहले विश्व बैंक ने भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया था, जबकि अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने जीडीपी का अनुमान 7 फीसदी पर बरकरार रखा है।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!