भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना ने बुधवार को 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन कर कांस्य पदक को अपने खाते में दर्ज करवायालवलीना को तुर्की की वर्ल्ड नंबर-1 मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली ने 5-0 से शिकस्त दी. इसी के साथ लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला बन गई
इससे पहले विजेंदर सिंह और एमसीसी मैरीकॉम यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. सबसे पहले विजेंदर सिंह ने बीजिंग ओलंपिक (2008) के मिडिलवेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था. 2012 के लंदन ओलंपिक में एमसीसी मैरीकॉम ने फ्लाइवेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था.
हाथ से निकला सिल्वर मेडल
भारत की महिला बॉक्सर लवलीना बोर्गोहेन इतिहास रचने से चूक गईं. लवलीना अगर ये मुकाबला जीत लेतीं, तो वह ओलंपिक में सिल्वर मेडल पक्का कर लेतीं और फिर गोल्ड मेडल के लिए मुकाबला लड़तीं. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय बॉक्सर होतीं.
दूसरे और तीसरे राउंड में भी तुर्की की मुक्केबाज का पलड़ा काफी भारी रहा. आक्रामक होकर खेलने की कोशिश में लवलीना को दूसरे राउंड में चेतावनी के तौर पर एक अंक भी गंवाना पड़ा. दूसरे और तीसरे राउंड में भी पांचों जजों ने बुसेनाज सुरमेनेली को बेहतर मुक्केबाज ठहराया. मैच में लवलीना को पहले और दूसरे जज ने 26-26, जबकि बाकी के तीन जजों ने 25-25 अंक दिए . वहीं, बुसेनाज सुरमेनेली को पांचों जजों ने 30-30 अंक दिए.