चंडीगढ़- 29 फरवरी। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा है कि वह भविष्य में बिना इजाजत के डेरा प्रमुख को पैरोल न दें। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
डेरा मुखी राम रहीम को बार-बार दी जा रही पैरोल को एसजीपीसी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। एसजीपीसी के अनुसार डेरा मुखी राम रहीम के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं और इनमें उसे दोषी करार देकर सजा भी सुनाई जा चुकी है। इसके बावजूद इसके हरियाणा सरकार डेरा मुखी को पैरोल दे रही है, जो पूरी तरह से गलत है। लिहाजा डेरा मुखी को दी गई पैरोल को रद्द किया जाए। इससे पहले भी सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि वह इस मामले में जवाब देने से क्यों बच रही है।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस रितु बाहरी की बैंच ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि जिस तरह समय-समय पर डेरा मुखी को पैरोल का लाभ दिया जा रहा है, उसी तरह दूसरे कैदियों को भी यह लाभ दिया जा रहा है या नहीं। डेरा मुखी पर सरकार जरूरत से ज्यादा मेहरबान तो नहीं है। ऐसे में बताया जाए कि किन कैदियों को इस तरह से लगातार पैरोल मिली है। डेरा प्रमुख राम रहीम अभी पैरोल पर जेल से बाहर हैं। पैरोल 10 मार्च को खत्म हो रही है और उस दिन ही डेरा मुखी को आत्म समर्पण करने को कहा है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की पीठ ने हरियाणा सरकार से पूछा कि राज्य सरकार बताए कि डेरा मुखी राम रहीम की तरह अन्य और कितने कैदियों को इसी तरह से पैरोल दी गई। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा है कि मामले की अगली सुनवाई पर पूरी जानकारी दी जाए।