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राजस्थान के देसी रंग में रंगे विदेशी सैलानी, मुख्यमंत्री ने आमजन के गालों पर लगाया गुलाल

जयपुर- 25 मार्च। प्रदेशभर में सोमवार को रंगोत्सव मनाया गया। सवेरे से ही युवाओं और बच्चों की टोलियां घरों से बाहर निकल पड़ी और एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। हर कोई होली के रंग में ऐसा रंगा नजर आया कि चारों ओर उल्लास और आनंद देखने को मिला। कई जगहों पर लोग फागुन के गीतों पर थिरकते नजर आए तो कई जगहों पर पारंपरिक फाग उत्सव भी मनाया गया। कई संस्थाओं की ओर से भी होली मनाई गई। साथ ही, मंदिरों में फूलों व गुलाल से होली खेली गई। होली पर हुड़दंगबाजी रोकने के लिए पुलिस के जवान भी जगह-जगह तैनात रहे।

प्रदेश में आज धुलंडी का पर्व मनाया जा रहा है। लोग रंग-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दे रहे हैं। मंदिरों में भी ठंडाई पिलाई जा रही है। चंग की थाप पर फाग के गीतों पर लोग झूम रहे हैं। मंदिरों में गुलाल के अलावा फूलों की होली भी खेली जा रही है। गली-मोहल्लों में युवा टोलियां बनाकर निकल रहे हैं और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को गुलाल-अबीर लगा रहे हैं। बच्चों में होली को लेकर खासा उत्साह है। वे पिचकारी से होली खेलते नजर आ रहे हैं। पुष्कर (अजमेर) में विदेशी पर्यटक रंग-गुलाल खेल रहे हैं। अलग-अलग जिलों, कस्बों और गांवों में होली की परंपराएं भी निभाई जा रही हैं। डूंगरपुर में आज सुबह लोग होली के धधकते अंगारों पर चले। वहीं, बांसवाड़ा में जलती लकड़ियों से राड खेली गई।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को जयपुर में ओटीएस स्थित मुख्यमंत्री आवास पर होली का पर्व आमजन के साथ मनाया। इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेशवासियों को रंगों के त्योहार होली की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने आमजन ने जमकर गुलाल लगाया। शर्मा ने सभी को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। इस मौके पर भजनलाल शर्मा ने पत्नी संग होली के गीतों पर डांस भी किया। श्रीगंगानगर में पुरानी आबादी स्थित झांकी वाले बालाजी बगीची में होली पर युवाओं ने राधा कृष्ण बनकर नृत्य किया। जयपुर के खासा कोठी में विदेशी टूरिस्ट ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली मनाई।

जैसलमेर में विदेशी सैलानी ने होली खेली। इसके बाद डांस करते हुए होली का लुत्फ उठाया। जोधपुर के मधुबन में युवाओं की टीम चंग पर फागण गीत गाती हुई नजर आई। बीकानेर शहर के हर मोहल्ले में लोग रंग और गुलाल हाथ में लेकर निकल पड़े हैं। परकोटे में हर कहीं रसियों की टोली दिखाई दे रही है। दोपहर बाद हर्ष समाज का दूल्हा पूरे शहर में बारात लेकर निकलेगा तो नत्थूसर गेट पर तनी तोड़ी जाएगी।

जयपुर के खासा कोठी में पर्यटन विभाग की ओर से होली सेलिब्रेशन आयोजित किया जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए दुनिया भर से सैलानी आए हुए हैं। उदयपुर शहर के शक्तिनगर में आज सुबह सिंधी समाज का सामूहिक शोक निवारण होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें शोक संतप्त परिवारों के सदस्य कतारबद्ध होकर अपने-अपने स्थान पर बैठ गए। शुभ मुहूर्त में संत-गुरु महाराज के साथ असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया सहित अन्य प्रमुख समाजजन ने कतारबद्ध चलकर शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों को गुलाल लगाकर शोक निवारण किया। इसके बाद सभी ने एक-दूसरे को गुलाल लगा कर होली की शुरुआत की। डूंगरपुर के कोकापुर गांव में 100 साल पुरानी परंपरा निभाई गई। सोमवार तड़के बच्चे, युवा और बुजुर्ग रंग-गुलाल व ढोल कुंडी के साथ होली के अंगारों पर चले। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार सालभर निरोगी और खुशहाल रहता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने होली की शुभकामनाएं दी। बोले- अमन-चैन और भाईचारा बना रहे। रंगों का त्योहार है। हर व्यक्ति के जीवन में खुशहाली के रंग खिलते रहें। बांसवाड़ा जिले के घाटोल कस्बे में पोस्ट चौराहा पर पाटीदार समाज के साथ उपाध्याय, त्रिवेदी, मेहता, प्रजापति और व्यास समाज ने सोमवार को गैर का आयोजन किया। सूर्योदय की पहली किरण के साथ ढोल की थाप पर पाटीदार समाज के युवाओं ने दो पक्ष बनाकर जलती हुई लकड़ियों से राड खेली। एक-दूसरे पर जलती हुई लकड़ियां फेंकी। करीब पांच मिनट तक चले इस राड के बाद दोनों पक्ष के युवाओं ने एक-दूसरे के गले लगकर होली की बधाई दी। राड पाटीदार समाज की 564 साल पुरानी परंपरा है, जिसमें होली की जलती लकड़ियां एक-दूसरे पर फेंकते हैं।

अजमेर के पुष्कर में अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव में फ्रांस, इजराइल, स्पेन, इटली, यूके, जर्मनी, पोलैंड और रूस से आए पर्यटक होली खेल रहे हैं। मेला मैदान के पास रेतीले धोरों में डीजे पर डांस करते हुए एक दूसरे को गुलाल लगा रहे हैं। वराह घाट चौक में पारंपरिक गैर नृत्य, चंग, ढोल और फाग के गीतों पर युवा झूम रहे हैं। कोटा में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने होली की शुभकामनाएं दीं। मंत्री ने होली का गीत ‘होली आई रे, फागन की मस्ती छाई रे…’ गाया।

जयपुर के गोविंददेव जी मंदिर में सुबह से भक्तों का आना शुरू है। पुजारी ने गोविंददेव जी को गुलाल लगाने के बाद भक्तों की तरफ गुलाल उड़ाया।

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