
येदियुरप्पा के इस्तीफे का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा: मठाधीश शरन बासवलिंगा
येदियुरप्पा के इस्तीफे से लिंगायत समाज के धर्म गुरुओ में जबरदस्त रोष है। लगभग 5000 लिंगायत मठों के प्रमुख ने कहा की भारतीय जनता पार्टी ने येदियुरप्पा के साथ देखा किया साथ ही राज्य की जनता के साथ भी धोखा हुआ है। येदियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय से आते है। ज्ञात हो की वहां की कुल जनसँख्या में 17% लिंगायत समुदाय का हिस्सा है। कर्नाटका की राजनीति में इस समुदाय का बहुत योगदान है।
येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते 2013 में भाजपा ने उन्हें हटाया था। नतीजा यह हुआ कि विधानसभा में भाजपा महज 40 सीटों पर सिमट गई थी।येदियुरप्पा की वजह से ही लिंगायत भाजपा को समर्थन देते है ,उनका साथ छोड़ने का खामियाज़ा भाजपा दो बार भुगत चुकी है। सभी 5000 लिंगायत मठों के प्रमुख ने कहा की मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करवाया जाये अन्यथा पूरे राज्य में इसके खिलाफ जान आंदोलन किया जाएगा। मठाधीश शरन बासवलिंगा ने कहा की दिल्ली की सरकार को राज्य की राजनीति के बारे में जानकारी नहीं है वह दिल्ली से ही निर्देश दे रही है यहां की राजनीति भिन्न है। राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से करीब 90 से 100 सीटों पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा के लिए येदि को हटाने के बाद की राह आसान नहीं होगी। उन्हें हटाने का मतलब इस समुदाय के वोट खोने का खतरा मोल लेना होगा।