पटना- 03 जुलाई। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट बस अब कुछ ही दिनों के बाद आयोजित होने वाली है। इस परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों को अंतिम 10 दिनों में तैयारी को अंतिम रूप कैसे देना है इसे लेकर छात्रों में डर और संशय की स्थिति बनी रहती है। उनके इन्हीं समस्याओं का समाधान देने का प्रयास कर रहे गोल इन्स्टीट्यूट के फाउण्डर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री विपिन सिंह।
आत्मविश्वास के साथ अंतिम 10 दिनों में छात्र करें सुनियोजित पढ़ाई—
अंतिम 10 दिनों में छात्रों के लिए नई चीजें सीखने से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है पहले पढ़े गए पार्ट का रिविज़न। छात्रों को आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए सुनियोजित पढ़ाई। नीट परीक्षा में प्रश्न ज्यादा कठिन नहीं आते, इसलिए वैसे साधारण छात्र भी अपने मनःस्थिति पर कंट्रोल रखते हुए इसमें सफल हो जाते हैं जिनकी तैयारी प्रतियोगिता के लेबल पर बेहतर हो।
अंतिम समय में एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों से करें रिविजन—
नीट में ज्यादातर प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. से पूछे जाने की संभावना है। इसलिए छात्र इस पुस्तक का रिविजन करें। महत्वपूर्ण रेखांकित किए गए लाईन, एन.सी.ई.आर.टी. बॉक्स में दिए गए महत्वपूर्ण बिन्दू, उसके फिगर एवं बोल्ड लेटर में दिए गए शब्दों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को करें रिवाईज।
कुछ सीमीलर नीट सेट के साथ करें प्रैक्टिस एवं पूर्व में बनाए गए प्रश्न सेट से करें रिविजन—
छात्रों को नीट परीक्षा में अपने स्पीड एवं एक्यूरेसी को मेंटेन करने के लिए कुछ नीट से मिलता जुलता सेट या पूर्व वर्षों में नीट के द्वारा पूछे गए प्रश्न पत्रों से प्रैक्टिस करना महत्वपूर्ण है ताकि नीट में अच्छे एग्जाम टेंपरामेंट के साथ परीक्षा दे सकें।
निगेटीव मार्क्स पर करें कंट्रोल—
छात्रों को नीट में सफलता के लिए आवश्यक है कि अपने निगेटीव स्कोर को कम करें। इसके लिए टेस्ट पेपर में किए गए गलतियों के कारण को जान कर रिवीजन में उस पर विशेष ध्यान दें। फॉर्मूला रिवीजन करते रहें एवं अंतिम समय में मेमोरी बेस्ड विषयों पर ज्यादा समय देकर उससे संबंधित गलतियों से खुद को बचाएं।
खुद के द्वारा तैयार किए गए नोट्स से करें रिविजन
तीनों विषयों में पढ़ाई एवं प्रैक्टिस के दौरान कॉन्फ़िउजन एवं कॉम्प्लीकेटेड पार्ट्स से संबंधित खुद के द्वारा तैयार किए गए नोट्स को प्रतिदिन जरूर करें रिवाईज।
अपने तन और मन को रखें स्वस्थ्य—
अंतिम दिनों में छात्रों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक होता है ताकि तन और मन को स्वस्थ्य रख पायें। सुपाच्य भोजन करें, आसान योगा आसन एवं प्रणायाम करें। अच्छी नींद लें। अपने आपको दूसरे से कम्पेयर न करें। अच्छे लोगों के संपर्क में रहें। नामारात्मक सोंच वाले लोगों से दूरी बना कर रखें। हमेशा खुश रहें एवं सकारात्मक सोच के साथ आत्मविश्वास बनाए रखें।