मधुबनी में धान अधिप्राप्ति का आगाज़,15 फरवरी 2022 तक होगी खरीदारी

मधुबनी-10 नवंबर। जिलाधिकारी अमित कुमार के कर कमलों से जिले में खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2021-22 अंतर्गत धान अधिप्राप्ति कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बताते चलें कि जिलाधिकारी द्वारा जिले के पंडौल प्रखंड के दो पैक्सों भवानीपुर पंचायत पैक्स एवं श्रीपुर हाटी दक्षिणी पंचायत पैक्स में खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2021-22 के अंतर्गत धान अधिप्राप्ति कार्यक्रम का फीता काट कर शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इस बार धान (साधारण ग्रेड) का मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। धान अधिप्राप्ति का कार्यक्रम आज से प्रारंभ होकर 15 फरवरी 2022 तक चलता रहेगा। अभी जिले में कुल 399 पैक्स तथा 21 व्यापार मंडल हैं जिनमें 231 पैक्स तथा 04 व्यापार मंडलों का चयन किया जा चुका है। इन केंद्रों पर कोई भी इक्षुक किसान अपनी फसल बेच सकते हैं तथा इसके एवज में उन्हें पावती रशीद भी दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि जिले में किसानों को धान विक्रय की कोई समस्या आने नहीं दी जाएगी।

परन्तु, किसी किसान को कोई समस्या हो तो आईवीआरएस संख्या-18001800110 पर सीधे सपर्क कर सकते हैं। इस वर्ष विभाग द्वारा मधुबनी जिले में 105000 मैट्रिक टन धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक धान अधिप्राप्ति हेतु 11629 किसानों ने अपना निबंधन कराया है। किसान निबंधन हेतु कृषि विभाग के पोर्टल पर 15 नवंबर 2021 तक अपना निबंधन करा सकते हैं। रैयत किसान अधिकतम 250 क्विंटल तथा गैर रैयत किसान अधिकतम 100 क्विंटल धान पैक्स अथवा व्यापार मंडल के माध्यम से बेच सकते हैं।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कृषक अपने साफ सुथरे एवं सूखे हुए धान जिसमें नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से अधिक न हो की बिक्री पैक्स या व्यापार मंडल में कर सकते हैं। किसानों को धान का भुगतान क्रय के 48 घंटे के अंदर उनके धान का मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल की दर से संबंधित पैक्स व व्यापार मंडल द्वारा कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन सभी क्रय केंद्रों पर किया जाएगा। मौके पर जिला सहकारिता पदाधिकारी अजय कुमार भारती, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी जितेन्द्र कुमार सहित बड़ी संख्या में किसान एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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Author: lakshyatak

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