भारत

भारत में 20 लाख बसें, 90 फीसदी निजी, हमारा जोर क्वालिटी पर: गडकरी

नई दिल्ली- 11 सितंबर। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि देश में वर्तमान में 20 लाख बसें संचालित हैं, जिनमें से करीब 90 फीसदी यानी 18.5 लाख निजी क्षेत्र की हैं। राज्य सरकारें इनके व्यवसाय को बढ़ावा देने में सहयोग करती रहती हैं, क्योंकि लोग आरामदायक सार्वजनिक परिवहन चाहते हैं। उन्होंने बेंगलुरू की एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट कंपनी का उदाहरण दिया, जहां एक ही कंपनी की 700 बसें ली गई थीं। ये सबसे महंगी बसें थीं लेकिन उनकी सेवा में क्वालिटी के कारण व्यवसाय बहुत अच्छा चल रहा है।

गडकरी नई दिल्ली में बस एवं कार ऑपरेटर्स कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीओआईसी) के भारत प्रवास पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नया बस कोड लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब इसी मानक की बसें बनेंगी।

उन्होंने उद्योग से अपील करते हुए कहा कि क्वालिटी बहुत जरूरी है। कॉस्ट सेंट्रिक नहीं, क्वालिटी सेंट्रिक बनना पड़ेगा। क्वालिटी सेंट्रिक बनने के लिए प्रोफेशनल सिस्टम स्वीकार करना होगा। गडकरी ने पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे का उदाहरण दिया। निर्माण के समय टोल टैक्स लगाने पर लोग सवाल उठाते थे। पहले कार से पुणे से मुंबई जाने में 8-9 घंटे लगते थे, जाम के कारण समय और ईंधन बर्बाद होता था। अब कारें दो घंटे और बसें सवा दो घंटे में पहुंचा देती हैं। जब एक ही गियर में गाड़ी चलेगी तो समय बचेगा, ईंधन बचेगा और पैसे बचेंगे। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से न केवल यात्रा सुगम होती है, बल्कि ईंधन बचत और आर्थिक लाभ भी मिलता है।

उन्होंने बस उद्योग से प्रोफेशनल अप्रोच अपनाने की सलाह दी, ताकि सार्वजनिक परिवहन की गुणवत्ता बढ़े। यह पहल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देगी।

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