
भारत ने नेपाल को दी रियल टाइम पर बिजली बेचने की अनुमति, 632 मेगावाट तक बिजली निर्यात
काठमांडू- 30 सितम्बर। भारत के एनर्जी एक्सचेंज ने नेपाल को पहली बार रियल टाइम पर बिजली बेचने की अनुमति दी है। भारत के प्रतिस्पर्धी ऊर्जा बाजार में अब तक डे अहेड यानी एक दिन पहले सूचना देकर नेपाल अपनी बिजली भारत को बेच रहा था लेकिन पहली बार अब रियल टाइम यानी डेढ घंटा पहले की सूचना पर भी बिजली बेचने की अनुमति मिली है, जिससे नेपाली ऊर्जा उत्पादकों में काफी खुशी है।
भारत के ऊर्जा मंत्रालय अन्तर्गत केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की तरफ से शनिवार को रियल टाइम के आधार पर बिजली बेचने की अनुमति दिए जाने की जानकारी नेपाल विद्युत प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलमान घिसिंग ने दी है। उन्होंने बताया कि पहले दिन से ही नेपाल के निजी क्षेत्र और सरकारी उपक्रम के विद्युत उत्पादकों ने बिडिंग में हिस्सा भी लिया है।
आज पहले दिन ही नेपाल के दो निजी क्षेत्रों के बिजली उत्पादक कंपनी को रियल टाइम के आधार पर बिजली बेचने के लिए खरीदार भी मिल गया। घिसिंग ने बताया कि 19.4 मेगावाट क्षमता के लोवर मोदी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट और 24.25 मेगावाट क्षमता वाले काबेली बी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के करीब 44 मेगावाट बिजली बेचने के लिए रियल टाइम मार्केट मिल गया है। विद्युत व्यापार निगम के निदेशक प्रबल अधिकारी ने कहा कि डे अहेड के आधार पर बिजली बेचने का समय आज समाप्त हो रहा था और भारत के तरफ से आज ही डे अहेड के साथ साथ रियल टाइम मार्केट में भी बिजली बेचने की अनुमति मिलना नेपाल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
नेपाल विद्युत प्राधिकरण आज तक 110 मेगावाट बिजली एनटीपीसी के विद्युत व्यापार निगम को बेच रहा है। प्रबल अधिकारी ने बताया कि कल से इसे भी रियल टाइम में बेचने के लिए प्रतिस्पर्धा की जाएगी। यह बिजली हरियाणा राज्य के लिए बेचे जाने की जानकारी दी गई है। इसके अलावा ढल्केबर मुजफ्फरपुर प्रसारण लाइन से 562 मेगावाट बिजली नियमित बेची जा रही है। नेपाल विद्युत प्राधिकरण ने अगस्त-सितम्बर में भारत को बिजली बेचकर 543 करोड़ रुपये कमा चुका है।