ताज़ा ख़बरें

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यकः सखलेचा

भोपाल- 13 जनवरी। भारत को विश्व युद्ध बनाने के लिए विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है। भारत सरकार ने जिस विश्वास के साथ मध्यप्रदेश को आठवें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी हैं, हम उसका निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करेंगे।

यह बात प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद मेपकास्ट में आठवें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के “कर्टेन रेजर” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर मंत्री सकलेचा ने विज्ञान महोत्सव का ब्रोशर लॉन्च भी किया।

विदेश में प्रमुख पदों पर कार्यरत हैं भारतीय—

सखलेचा ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में 82 देशों के प्रवासी भारतीय आये थे। अधिकतर देशों में भारतीय प्रमुख पदों पर पदस्थ हैं। आज विश्व में बिना भारतीय साइंटिस्ट के कोई भी देश अकेले चल नहीं सकता। कई विकसित देशों में लेब कार्य करने वाले भारतीय हैं। अमेरिका में हर छठवें मरीज का इलाज भारतीय डॉक्टर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में अब तक विज्ञान के क्षेत्र में कार्य़ हुए हैं, उससे वातावरण ऐसा बनेगा, जो हमें विज्ञान के क्षेत्र में लीडर बनाएगा।

मंत्री सखलेचा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्म-निर्भरता की बात कही है। एक समय था जब भारत में चीन से बहुतायात में खिलौने भेजे जाते थे। लेकिन भारत में ही खिलौनों के निर्माण किये जाने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश ने इन्हीं सबको ध्यान में रखते हुए एमएसएमई डिपार्टमेंट बनाया।

10 हजार से अधिक प्रतिभागी होंगे शामिल—

विज्ञान महोत्सव की नोडल एजेंसी मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि हमारे लिये यह गौरव का क्षण है कि आठवाँ महोत्सव भोपाल में होने जा रहा है। अब तक इस महोत्सव के सात आयोजन देश के विभिन्न शहरों में हो चुके हैं। लेकिन मध्यभारत अब तक इससे वंचित था। यह विज्ञान के व्यापक प्रचार-प्रसार का आयोजन है। विज्ञान महोत्सव में 15 गतिविधियाँ होंगी। इनमें 10 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। मैनिट में 21 से 24 जनवरी तक मध्यप्रदेश में पहली बार विज्ञान महोत्सव हो रहा है।

डॉ. कोठारी ने बताया कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी। लगभग दो लाख स्क्वायर फीट की जगह पर लगने वाली प्रदर्शनी में इसरो, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, डीआरडीओ सहित विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले भारत के 300 से अधिक संस्थान उपलब्धियों को प्रदर्शित करेंगे। साथ ही 19 जनवरी को रन फॉर साइंस का आयोजन होगा। विज्ञान के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से यह रन टी.टी. नगर स्टेडियम से शुरू होकर मैनिट परिसर पर समाप्त होगी।

स्टूडेंट्स साइंस विलेज बनेगा आकर्षण—

इन्सा के कार्यकारी निदेशक अरविंद रनाडे ने बताया कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2015 में आईआईटी दिल्ली से हुई। उन्होंने बताया कि महोत्सव के दौरान स्टूडेंट्स साइंस विलेज कार्यक्रम भी होगा। साइंस विलेज में मध्यप्रदेश के विभिन्न दूरस्थ इलाकों के 1500 बच्चे शामिल होंगे, जो विज्ञान और इसके चमत्कार को करीब से देख सकेंगे। साथ ही वैज्ञानिक साइंस लिट्रेचर फेस्टिवल, स्टार्टअप हब जैसी गतिविधियां होंगी।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सीनियर साइंटिस्ट संजय मिश्रा ने बताया कि यह महोत्सव कोई सेमिनार या कॉन्फ्रेंस नहीं है। यह एक ऐसा समारोह है, जिसमें स्कूल के स्टूडेंट्स से लेकर रिटायर्ड अधिकारी सहित देश के विशिष्ट वैज्ञानिक शामिल होंगे।

महोत्सव में अनेक गतिविधियां होंगी—

आर्टिजन टेक्नोलॉजी,विलेज वोकल फॉर लोकल,न्यू एज टेक्नोलॉजी शो,मेगा साइंस एंड टेक्नोलॉजी एग्जीबिशन, इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल,साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज,स्टार्टअप कॉन्क्लेव जैसी विभिन्न गतिविधियां होंगी।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button