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भारत की सेना को दुनिया में सबसे मजबूत बनाना हमारा विजन और मिशन: रक्षामंत्री

नई दिल्ली- 05 जनवरी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पोर्ट ब्लेयर में देश के एकमात्र ऑपरेशनल जॉइंट सर्विसेज कमांड के मुख्यालय का दौरा किया। उन्होंने अंडमान एवं निकोबार कमांड की ऑपरेशनल तैयारियों और सैन्य क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों की समीक्षा की। रक्षा मंत्री को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की भू-रणनीतिक क्षमता और इस क्षेत्र में भारत के प्रभाव को बढ़ाने और सैन्य अभियानों में कमांड की भूमिका के बारे में जानकारी दी गई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) की दो दिवसीय यात्रा पर पोर्ट ब्लेयर पहुंचे हैं। यात्रा के पहले दिन उन्होंने कमांड की रक्षा तैयारियों, कमांड के परिचालन क्षेत्रों तथा बाहरी इकाइयों में अवसंरचना के विकास की समीक्षा की। रक्षा मंत्री कैंपबेल बे, कार्निक और डिगलीपुर में एएनसी इकाइयों का भी दौरा करके सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे। अंडमान और निकोबार कमांड 21 साल पुराना सफल इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड है, जिसकी योजना अब राष्ट्रीय स्तर पर बनाई जा रही है।

कमांड के कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने कमांड की उपलब्धियों, भविष्य की योजनाओं और चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखने में निभाई गई भूमिका के लिए कमांड की भूमिका को सराहा। राजनाथ सिंह ने इस दौरान अंडमान और निकोबार कमांड की परिचालन तैयारियों और परिचालन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास की समीक्षा की। लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने रक्षा मंत्री को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की भू-रणनीतिक क्षमता, भारत के प्रभाव को बढ़ाने और सैन्य अभियानों के बारे में जानकारी दी।

राजनाथ सिंह ने एएनसी ज्वाइंट ऑपरेशंस सेंटर (जेओसी) का भी दौरा किया, जो निगरानी, संचालन और रसद समर्थन के लिए एकीकृत योजना का मुख्य केंद्र है। अधिकारियों और जवानों के साथ बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने द्वीपों और विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सतर्क और 24 घंटे तैयार रहने के लिए उनकी बहादुरी और उत्साह की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2001 में अपनी स्थापना के बाद से अंडमान और निकोबार कमांड ने अपनी परिचालन क्षमताओं में काफी वृद्धि की है। उन्होंने जवानों को भरोसा दिलाया कि जिस तरह वे देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं, तो उसी तरह सरकार भी उनके कल्याण के लिए हमेशा तैयार है।

उन्होंने कहा कि हमने आत्मनिर्भरता के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन को साकार करने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। हमारी सशस्त्र सेना जल्द ही दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक होगी। यह हमारा विजन भी है और हमारा मिशन भी। रक्षा मंत्री ने उस बहादुरी और मुस्तैदी का भी विशेष उल्लेख किया, जिसका प्रदर्शन करते हुए सशस्त्र बलों ने उत्तरी क्षेत्र में हाल की स्थितियों से निपटा। रक्षा मंत्री ने एक क्वाड-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा की और 29 दिसंबर, 1943 को नेताजी के ऐतिहासिक आगमन के स्थान संकल्प स्मारक का दौरा किया।

संकल्प स्मारक में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना के सैनिकों के बलिदान का सम्मान करने के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की। पोर्ट ब्लेयर पहुंचने पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डीके जोशी (सेवानिवृत्त) और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। जनवरी 2019 के बाद से रक्षा मंत्री की इंदिरा पॉइंट की यह पहली यात्रा है। इंडो-पैसिफिक से इन दूर-दराज के द्वीपों की निकटता को देखते हुए रणनीतिक संकेतों के अलावा, रक्षा मंत्री की अंडमान एवं निकोबार कमांड की यात्रा ने इन दूरस्थ द्वीप पर तैनात सैनिकों को प्रेरित किया।

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