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भारतीय हॉकी का शताब्दी जश्न: 50 दिन शेष, हॉकी इंडिया ने शुरू किया काउंटडाउन

नई दिल्ली- 18 सितंबर। भारतीय हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक मौके को देशभर में बड़े पैमाने पर मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। हॉकी इंडिया ने आज से 50 दिन का काउंटडाउन शुरू कर दिया है, जो 7 नवंबर 2025 को विशेष समारोह के साथ समाप्त होगा। यह जश्न उस सफर का प्रतीक होगा जो 1925 में पहले राष्ट्रीय खेल निकाय के गठन से शुरू हुआ और जिसने भारत को अब तक के सबसे ज्यादा आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाए।

हॉकी इंडिया ने बताया कि जश्न का विस्तृत कार्यक्रम जल्द ही साझा किया जाएगा, लेकिन इस मौके पर हॉकी के स्वर्णिम इतिहास को याद किया गया। भारत ने 1928 से 1980 तक आठ बार ओलंपिक गोल्ड जीता, जो आज तक किसी भी देश का सर्वाधिक है। यही नहीं, ओलंपिक इतिहास में भारत के लिए यह किसी एक खेल में सर्वाधिक पदकों का रिकॉर्ड भी है।

1964 टोक्यो ओलंपिक में भारत को स्वर्ण दिलाने वाले दिग्गज गुरबक्स सिंह ने कहा, “भारत में पहला हॉकी टूर्नामेंट बीटन कप 1895 में खेला गया। 1925 में नेशनल हॉकी एसोसिएशन बनी और सिर्फ तीन साल बाद 1928 में हमने ओलंपिक गोल्ड जीत लिया। ध्यानचंद के दौर में भारत ने दुनिया पर पूरी तरह दबदबा बनाया।” उन्होंने याद दिलाया कि ब्रिटेन ने 1948 तक हॉकी टीम नहीं उतारी क्योंकि उन्हें भारत से हारने का डर था। स्वतंत्रता के बाद लंदन में ब्रिटेन को हराना भारत के इतिहास के सबसे गौरवशाली पलों में से एक था।

गुरबक्स सिंह ने बर्लिन ओलंपिक की यादें भी साझा कीं। उन्होंने बताया कि उस समय धन की कमी थी और जर्मनी जाने के लिए करीब 35 लोगों ने, जिनमें रियासतों के शाही परिवार भी शामिल थे, 100 से 500 रुपये तक का योगदान दिया। इस तरह 50,000 रुपये जुटाए गए और टीम को जहाज से जर्मनी भेजा गया।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और पूर्व दिग्गज डॉ. दिलीप तिर्की ने कहा, “नई पीढ़ी को हॉकी के इस स्वर्णिम इतिहास से अवगत होना चाहिए। हमारा प्रयास है कि शताब्दी समारोह के माध्यम से उन गौरवशाली दिनों को दोबारा जिया जाए। आज से शुरू हुआ 50 दिन का काउंटडाउन उसी दिशा में एक कदम है।”

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