नई दिल्ली- 05 जुलाई। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने हथियार डीलर संजय भंडारी को मनीलांड्रिंग मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया। कोर्ट ने ईडी की याचिका पर फैसला सुनाया। ईडी ने याचिका दायर कर कहा था कि संजय भंडारी जानबूझ कर कोर्ट की कार्यवाही से भाग रहा है। संजय भंडारी के पास 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। भंडारी का भारत में प्रत्यर्पण करने की उसकी मांग को ब्रिटेन की कोर्ट से खारिज किए जाने से कोर्ट की कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत का कानून स्वतंत्र है और यहां के कोर्ट भारतीय कानून से बंधे हुए हैं।
सुनवाई के दौरान संजय भंडारी के वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि आरोपित का लंदन में आवास वैध है और उसका लंदन हाई कोर्ट ने भी समर्थन किया है। लंदन हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल में संजय भंडारी की जान को खतरा बताते हुए उसे प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया था। मनिंदर सिंह ने कहा था कि ईडी की याचिका अस्पष्ट है, उसने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिसंबर, 2023 में ईडी की ओर से संजय भंडारी के खिलाफ दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। पूरक चार्जशीट में संयुक्त अरब अमीरात के बिजनेस मैन सीसी थम्पी और ब्रिटेन स्थित व्यवसायी सुमित चड्ढा का नाम शामिल किया है। उनमें से संजय भंडारी कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का कथित तौर पर करीबी सहयोगी है। ईडी के मुताबिक उसने सुमित चड्ढा और उसकी पत्नी को समन जारी किया लेकिन दोनों जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।
ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि यूपीए शासनकाल में भंडारी ने कमीशन लिया और लंदन में संपत्ति खरीदी जिसके लाभार्थी मालिक रॉबर्ट वाड्रा हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी के आरोपों को गलत बताया था। इस मामले में पहले ईडी ने हथियार डीलर संजय भंडारी के मनी लाउंड्रिंग मामले में दक्षिण दिल्ली में पंचशील पार्क स्थित पंचशील शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की संपत्ति को कब्जे में लिया था जो कि एसबी हॉस्पिटेलिटी एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड कराया गया है। ईडी ने 2017 में भंडारी और दूसरे आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
