बेनीपट्टी में दो दिवसीय उच्चैठ कालिदास राजकीय महोत्सव का भव्य आयोजन, मौके पर बोले मंत्री संजय झा, कहा- मिथिलांचल में कालिदास सहित कई विभूतियों का हुआ है अवतरण, पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं

मधुबनी- 08 दिसंबर। बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र के उच्चैठ स्थित कालिदास विद्यापति विज्ञान महाविद्यालय परिसर में दो दिवसीय उच्चैठ कालिदास राजकीय महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन सूबे के जल संसाधन एवं सूचना जनसंपर्क मंत्री संजय झा,परिवहन मंत्री शीला मंडल,विधायक विनोद नारायण झा,हरिभूषण ठाकुर बचैल,सुधांशु शेखर, अरुण शंकर प्रसाद,विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर, डीडीसी विशाल राज,पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार अन्य गणमान्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन सत्र के बाद उर्वशी ठाकुर के द्वारा मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छैथ आयल नामक स्वागत गान की प्रस्तुति कर अतिथियों का स्वागत सम्मान किया गया। इससे पहले विकास झा के द्वारा भगवती वंदना की प्रस्तुति की गई। इसके बाद सभी आगत अतिथियों का मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग,दोपट्टे व मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए डीडीसी विशाल राज ने कहा कि महान विभूतियों को बारे में विस्तार से जानकारी देने के उद्देश्य से इस तरह का कार्यक्रम राज्य सरकार के पर्यटन विभाग के द्वारा आयोजित किया है। खासकर मिथिला की धरती विद्वानों की धरती रही है। कालिदास के जन्मस्थल को लेकर विद्वानों के मतों में अंतर रहा है, पंरतू कालिदास डीह के पास जो कालिदास से जुड़े संरचना व वर्ष 1901 के कालिदास के नाम से बने जमीनी खातियान आदि साक्ष्य रहे हैं। करीब 30 वर्ष पूर्व लिखे गए हेरिटेज ऑफ मिथिला उससे साबित होता है कि मिथिला ही कालिदास की जन्मस्थली रही है। कार्यक्रम को जल संसाधन एवं सूचना जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने कहा कि मिथिला की मिट्टी के गुण और संस्कार वही है, जो कालिदास में मिला। मिथिलांचल में महाकवि कालिदास, विद्यापति, भारती आदि कई महान विभूतियों का अवतरण हुआ है और पर्यटन के क्षेत्र में यहां अपार संभावनाएं है। इस लिए पर्यटन के विकास हेतु हरसंभव पहल किया जायेगा। दूसरे दिन के कार्यक्रम में कालिदास के जीवनी विषय से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को संग्रहित कर राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से प्रसारित किया जाय, ताकि कालिदास की जन्मस्थली मिथिला ही है, यह प्रमाणित करने में सहायक सिद्ध हो। हम सभी इसके लिए अपनी पूरी ताकत लगाने का काम करेंगे। उन्होंने मिथिला हाट व सिमरिया में हो रहे गेट वे ऑफ बिहार की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों को पर्यटन से जोड़ने पर रोजगार सृजन भी हो रहा है और इस दिशा में आगे भी काम करने की जरूरत है। वहीं मंत्री शीला मंडल ने कहा कि कालिदास की पत्नी के साथ हुए विवाह से पूर्व शास्तार्थ के जरिये परीक्षा लेने का प्रसंग, उनकी काव्य रचना मेघदूतम के जरिये उनकी व्यथा की रचना आदि की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने इस महोत्सव को राजकीय दर्जा देकर मिथिला की संस्कृति व धरोधरो को विकसित करने का काम किया. मिथिला के विकास के लिए सीएम ने कई उल्लेखनीय काम किये हैं और हमेशा प्रयत्नशील हैं. नारी सशक्तिकरण पर चर्चा करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सीता जिंदा है तभी गीता जिंदा है. मिथिलांचल का विकास सीएम नीतीश कुमार के विजन में शामिल है. पूर्व विधायक रामाशीष यादव ने इस तरह के कार्यक्रम को आयोजित करने पर आयोजक मंडली को धन्यवाद ज्ञापित किया. विधायक विनोद नारायण झा ने भी उच्चैठ भगवती की महिमा और महाकवि विद्यापति और कालिदास के जीवनी पर प्रकाश डाला और अगली पीढ़ियों को महामूर्ख कलिया से महाकवि कालिदास बनने तक की कहानी की जानकारी देने की आवश्यकता जताई. उन्होंने यह भी कहा कि कवि कालिदास की तमाम रचनाएं उच्चैठ की धरती से ही लिखी गयी जो साबित करता है कि कालिदास की जन्मस्थली मिथिलांचल ही रही है. बिस्फी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचैल, हरलाखी विधायक सुधांशु शेखर, खजौली विधायक अरुण शंकर प्रसाद व एमएलसी घनश्याम ठाकुर ने कहा कि मिथिलांचल की धरती पर तमाम देवी देवताओं ने भी अवतरित होने का काम किया. यहां की धरती के मिठास में वह क्षमता रही है कि महामूर्ख कलिया भी उच्चैठ छिन्नमस्तिका भगवती की कृपा से महाकवि बन गये. कार्यक्रम को कार्यक्रम के पहले सत्र का संचालन ललित कुमार ठाकुर ने किया. वहीं भाव नृत्य गणेशदेवा व झिझिया नृत्य की प्रस्तुति अर्जुन राय एवं समूह के द्वारा की गई. मैथिल सुप्रसिद्ध गायक विकास झा व उवर्शी ठाकुर ने मैथिली गीत से समा बांधा. वहीं डांस एकेडमी के द्वारा भरत नाट्यम की सुंदर प्रस्तुति की गई. इसके बाद हास्य कलाकार सौरभ कुमार ने अपने हास्य विनोद भरी वाणी से दर्शकों को ठठाकर हंसने को बाध्य कर दिया. अर्जुन राय एवं समूह द्वारा लोक गीत की भी भव्य प्रस्तुति की गई. कलाकार विनोद ग्वार ने सूफी हिंदी गीत के जरिये दर्शकों का मन मोह लिया. जबकि कालाकार प्रेमसागर, कंचन किरण मिश्रा सहित अन्य कलाकारों ने मधुर मैथिली गीत की प्रस्तुति कर दर्शकों का मन मोह लिया. दूसरे सत्र के कार्यक्रम का संचालन राम सेवक ठाकुर व दीप नारायण विद्यार्थी ने किया। इस अवसर पर एसडीएम मनीषा,एसडीपीओ नेहा कुमारी, पीजीआरओ किशोर कुमार,डीसीएलआर राजू कुमार,डॉ. अमरनाथ झा, प्रदीप झा बासू, एमओ रोहित रंजन,बीपीआरओ मधुकर कुमार, बीएओ प्राणनाथ सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!