नई दिल्ली- 19 जनवरी। बीटेक की 20 वर्षीय छात्रा ने 29 हफ्ते का भ्रूण हटाने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने एम्स के निदेशक को 20 जनवरी तक डॉक्टरों की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया है। एम्स के निदेशक को 23 जनवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने कहा कि एम्स का पैनल बताए कि छात्रा के भ्रूण को हटाना सुरक्षित है या नहीं। बीस वर्ष की छात्रा अविवाहित है और वो गाजियाबाद के एक हॉस्टल में रहती है। सुनवाई के दौरान छात्रा की ओर से पेश वकील ने कहा कि लड़की अपने गर्भ में पल रहे अनचाहे भ्रूण को हटाना चाहती है।
एमटीपी कानून में हुए संशोधन के बाद 24 माह तक के भ्रूण को भी कुछ विशेष परिस्थितियों में हटाने की इजाजत दी जा सकती है।
