बिहार

बिहार में शीतलहर शुरू,पटना में पारा 7.5 पर

पटना-19 दिसंबर। बिहार में शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया है। पटना में महज एक दिन में न्यूनतम तापमान छह डिग्री तक नीचे गिर गया है। पटना का न्यूनतम तापमान रविवार की रात करीब 7.5 रिकार्ड किया गया। महज एक दिन पहले शहर का न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री रहा था।

पिछले 24 घंटे के अंदर गया में तापमान गिरकर 5.5 तक पहुंच गया। न्यूनतम तापमान के सात डिग्री से नीचे चले जाने पर शीतलहर का प्रकोप माना जाता है। पछुआ हवा की गति में तेजी से अगले तीन दिनों तक प्रदेश के न्यूनतम तापमान में और अधिक गिरावट होने की संभावना है। दरअसल, सनसनाती पछुआ हवा से सर्दी का सितम बिहार पर टूटने लगा है। पूरे राज्य को एक ही दिन सर्दी ने कंपकंपा दिया है। चाहे पटना हो या पूर्णिया, सब जगह शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया है।

पटना में रविवार को न्यूनतम तापमान में जोरदार गिरावट आई और तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। न सिर्फ सुबह का तापमान, बल्कि रात के तापमान में भी जोरदार कमी आई है। शनिवार रात पटना का तापमान आठ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा, जबकि एक दिन पहले तक तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस था।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पछुआ हवा के कारण यह स्थिति बनी है। आने वाले दिनों में तापमान और ज्यादा कम हो सकता है। न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक की कमी आ सकती है। हालांकि, ऐसा कब से होगा, इसका कोई निर्धारित समय नहीं है लेकिन हवा के बहाव को देखते हुए ऐसी संभावना बन रही है। पटना मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक प्रदेश में कैमूर सबसे ठंडा जिला रहा। यहां का न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विभाग का कहना है कि सात डिग्री से कम तापमान का मतलब शीतलहर चलना होता है। ऐसे में पटना सहित अन्य जिलों में अब शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया है। पटना की तरह ही गया का तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, भागलपुर आदि शहरों में भी तापमान आठ से कम हो गया है।

मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार से अगले दो दिनों तक पछुआ हवा का असर दिखेगा और इसी कारण से दो दिनों में न्यूनतम तापमान और गिरने की संभावना है। इससे पहले शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई थी लेकिन शनिवार को न्यूनतम तापमान में आंशिक वृद्धि हुई। रविवार को पारे में गिरावट से लोग सकते में हैं।

बंद हो सकते हैं स्कूल

बिहार के स्कूलों में एक बार फिर पढाई बंद हो सकती है। राज्य के स्कूल बंद होने का कारण इस बार कोरोना नहीं, बल्कि कुछ और है। दरअसल, बिहार में मौसम बदलने के कारण इन दिनों ठंड बढ़ी है। ठंड के असर को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर तापमान सात डिग्री सेल्सियस से नीचे जाता है तो सुबह की पाली में स्कूलों का संचालन नहीं किया जाए। ऐसे में बिहार में बदलते मौसम को देखते हुए एक बार फिर स्कूल बंद हो सकते हैं।

पिछले 24 घंटों के दौरान पछुआ हवा तेज रफ्तार से बह रही है। इस कारण पूरे राज्य में तापमान तेजी से नीचे आया है। रविवार को सूबे के कई इलाकों में तापमान नौ डिग्री सेल्सियस से कम रहा। अगर यही स्थिति रही तो तापमान सात डिग्री सेल्सियस से कम हो सकता है। इस स्थिति में राज्य के स्कूलों में सुबह की पाली में पढाई बंद हो सकती है। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को उचित फैसला करने के निर्देश दे दिए हैं। बिहार में सामान्यतः दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी के तीसरे सप्ताह तक शीतलहर का असर रहता है।

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