बिहार

बिहार में बिजली उपभोक्तओं को लगा बिजली का झटका, 24.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी, 1 अप्रैल से नयी दरें होगी लागू

पटना- 23 मार्च। बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को विभाग ने बिजली दर में बढ़ोतरी का झटका दिया है। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने गुरुवार को बिजली दर में बढ़ोतरी की घोषणा की है। एक अप्रैल से बिजली की दरों में 24.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है। इसके बाद बिजली दो रुपये तक प्रति यूनिट महंगी हो जाएगी।

बिजली दरों में बढ़ोतरी के बाद 100 यूनिट तक बिजली यूज करने वाले कस्टमर को डेढ़ सौ से दो सौ रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। फिक्स्ड चार्ज भी दोगुना कर दिया गया है। सौ यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करने वाले को 1.67 रुपये प्रति यूनिट ज्यादा देने हाेंगे। इसमें फिक्स्ड चार्ज जोड़ दिया जाए तो बढ़ोतरी प्रति यूनिट दो रुपये से ज्यादा होगी। अभी तक यह दर 6.95 रुपये प्रति यूनिट थी, जो बढ़कर अब 8.62 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी। हालांकि, नई दरें सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर तय की जाएंगी। अभी सरकार प्रति यूनिट 1.83 रुपये सब्सिडी देती है।

बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने गुरुवार को बिजली दर में बढ़ोतरी की घोषणा की है। बिजली कंपनी ने इसे 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। आयोग ने सुनवाई के बाद 24.10 प्रतिशत की मंजूरी दी है। फिक्स्ड चार्ज दोगुना बढ़ाया गया है, जिससे रेट और बढ़ेगा। नई दरें सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी के आधार पर तय होंगी। राज्य सरकार सब्सिडी देकर बिजली उपभोक्ताओं को राहत देती है। अभी एक यूनिट पर 1.83 रुपये की सब्सिडी मिलती है। अगर राज्य सरकार इसमें बढ़ोतरी करती है तो बढ़े हुए बिजली बिल से कुछ राहत मिल सकती है।

एक अप्रैल से 31 मार्च, 2024 तक यही रेट—

बिजली दरों में 24.1 प्रतिशत बढ़ोतरी का फैसला एक अप्रैल से 31 मार्च, 2024 तक लागू रहेगा। बताया गया है कि अब सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर प्रति यूनिट बिजली की दर तय होगी। इससे पहले मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा और सदस्य एससी चौरसिया ने बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी, स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर और बिहार ग्रिड कंपनी के प्रस्ताव पर फैसला सुनाया।

आयोग ने पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी को वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1176.62 करोड़ अनुमानित सकल राजस्व की मंजूरी दी है, जबकि मांग 1516.73 करोड़ की थी। इसी तरह स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर को 12.01 करोड़ की अनुमानित सकल राजस्व की मंजूरी दी है, जबकि मांग 12.02 करोड़ की थी। साथ ही बिहार ग्रिड कंपनी को 219.38 करोड़ अनुमानित सकल राजस्व की मंजूरी दी है, जबकि मांग 403.20 करोड़ की थी।

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