
बिहार में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए: राज्यपाल
पटना- 25 अक्टूबर। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बिहार में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। बिहार की 13 करोड़ जनसंख्या हमारे लिए बोझ नहीं, बल्कि हमारी शक्ति है। इसे सही दिशा देने की जरूरत है। गांवों में उद्योग लगने से वहां के युवाओं को वहीं रोजगार मिल सकेंगे। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन इस दिशा में कार्य कर सकता है।
राज्यपाल बुधवार को पटना में बीआईए हॉल में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) के 79वें वार्षिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने औद्योगिक विकास के लिए शहरीकरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता से असहमति जताते हुए कहा कि इससे लोग शहरों पर ही ध्यान केन्द्रित करने लगते हैं और गांव विकास से वंचित रह जाते हैं। शहरों की सुविधाएं गांवों में आनी चाहिए और वहां कृषि आधारित उद्योग लगाए जाने चाहिए। हमें प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के बजाए इको फ्रेंडली उद्योगों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार का जर्दालू आम,मखाना,लीची आदि का निर्यात होने से कई प्रकार के उद्योग यहां आ सकते हैं। इसके लिए हमें इनके बेहतर मार्केटिंग, ब्रांडिंग आदि के बारे में सोचना होगा। इस राज्य में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं और इसे उद्योग के सभी लाभ मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को गरीब और पिछड़ा होने जैसी हीन भावना से मुक्त होकर विकास के लिए एक सकारात्मक सोच के साथ नई पहल करनी चाहिए। हमें बाहरी मदद पर निर्भर न रहकर अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रयास करना चाहिए। हम सब सामूहिक प्रयास से बिहार को विकसित बना सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार के औद्योगिक विकास के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय अत्यन्त आवश्यक है। बीआईए को भी फिक्की आदि संगठनों के साथ इस संबंध में विचार-विमर्श करना चाहिए। राज्यपाल ने इस अवसर पर औद्योगिक विकास में उल्लेखनीय योगदान देने वाले उद्यमियों को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम को उद्योग मंत्री समीर महासेठ, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी तथा पूर्व अध्यक्ष अरूण अग्रवाल ने भी संबोधित किया।