पटना/नई दिल्ली- 29 दिसंबर। केन्द्रीय अनवेष्ण ब्यूरो (सीबीआई) ने देशभर के 91 शहरों में फर्जी प्रमाणपत्र पर डॉक्टरी करने वालों के यहां छापेमारी की है। सीबीआई ने बिहार के आठ शहरों में भी छापा मारा है। सीबीआइ के मुताबिक इन परिसरों से विदेशी चिकित्सा स्नातक (एफएमजी) परीक्षा के फर्जी पास प्रमाणपत्र सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए है।
सीबीआई ने गुरुवार को रूस, यूक्रेन, जर्जिया और अर्मेनिया समेत विदेशों से डॉक्टरी की डिग्री लेकर आये देशभर के 74 लोगों के यहां एक साथ छापेमारी की है। यह सभी देश के विभिन्न राज्यों में मेडिकल काउंसिल के फर्जी प्रमाण पत्रों पर अस्पतालों में प्रैक्टिस या नौकरी कर रहे हैं। इनमें से 19 डॉक्टर अभ्यर्थियों को बिहार मेडिकल काउंसिल ने प्रमाण पत्र दिया है।
मामले का खुलासा होने के बाद सीबीआई ने बिहार मेडिकल काउंसिल समेत विभिन्न राज्यों के सभी 74 डॉक्टर अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सीबीआई ने देशभर के 91 शहरों में विभिन्न राज्यों के मेडिकल काउंसिल और फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे अभ्यर्थियों के परिसरों को खंगाला। इनमें बिहार के पटना सहित आठ शहर मुंगेर, भागलपुर, चंपारण, बेगूसराय, हाजीपुर, वैशाली और नालंदा में छापा मारा है। सीबीआइ के मुताबिक इन परिसरों से विदेशी चिकित्सा स्नातक (एफएमजी) परीक्षा के फर्जी पास प्रमाणपत्र सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के उप सचिव सुनील कुमार गुप्ता ने सीबीआई में यह मामला दर्ज कराया है। फर्जी तरीके से डिग्री लिये या बिना परीक्षा पास किये देश में प्रैक्टिस कर रहे इन डाक्टरों के खिलाफ सीबीआई ने कई गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।
सीबीआइ के मुताबिक विदेशी से मेडिकल ग्रेजुएट की डिग्री लेकर आने वाले डॉक्टरों को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एमसीआई या स्टेट मेडिकल काउंसिल में अस्थायी या स्थायी पंजीकरण कराना होता है। इसके लिए उनको राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) द्वारा आयोजित एफएमजीइ/स्क्रीनिंग परीक्षा पास करनी होती है। लेकिन, बिहार मेडिकल काउंसिल से रजिस्टर्ड इन 19 अभ्यर्थियों सहित सभी 74 अभ्यर्थियों ने अनिवार्य परीक्षा में फेल होने के बावजूद मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करा लिया। सीबीआई का मानना है कि एनबीई अभ्यर्थियों के साथ-साथ मेडिकल काउंसिलों को अपने रिजल्ट भेजता है। जब इन अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी योग्यता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये गये थे, तो मेडिकल काउंसिल की एनबीइ द्वारा सीधे उन्हें भेजे गये रजिस्ट्री से इसे सत्यापित कर सकते थे।
बिहार में सीबीआई ने जिनके यहां मारी रेड—
1.चीयर्स सैमुअल, पिता चार्ल्स डेनियन रत्नाकर, पता- तमिलनाडु, 2007 में रसिया स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से फेल।
2.सुधीर कुमार, पिता रामविकास प्रसाद, पता- सोहसराय नालंदा, 2009 में यूटी रसियन फेडरेशन से फेल।
3.विग्नेश वेल्लाकन्नु, पिता वेल्लाकन्नु, पता -तमिलनाडु, 2019 में सेंट पीट्सबर्ग विवि, 2021-22 में फेल, 2022-23 में अनुपस्थित।
- शिब्ली सईद, पिता शाहजहां सईद, पता-बागमाली हाजीपुर, 2017 में आर्मेनिया से फेल।
5.गोरला वेंकट राजा वेम्सी, पिता जी करूणाकर राव, पता-आंध्र प्रदेश, 2020 में चीन से, 2018 में फेल, 2020 में अनुपस्थित।
- मो जावेद आलम, पिता मो अब्दुल्ला अंसारी, पता पश्चिम चंपारण, 2015 में त्रिभुवन से, फेल।
- सुनीता सिन्हा, पिता नवल किशोर सिंह, न्यू पुनाईचक पटना, 2018 में यू गन्नन मेडिकल चीन, फेल।
- मो शमीम फारूकी, पिता डॉ एमएच फारूखी, दरभंगा, 2018 में काठमांडु नेपाल, फेल।
9.अनवर तकवीम, पिता अनवर अली रजा, दिल्ली, आर्मेनिया से, फेल।
- कुंजन कुमार शर्मा, पिता अवध किशोर शर्मा, पता- मुंगेर, डिग्री यूएसएसआर से, फेल।
- राकेश कुमार गुड़ीमल्ला, पिता रवि सुधार गुड़ीमल्ला, वारंगल तेलंगाना, चीन से, फेल।
- मनोज शंकर शर्मा, पिता अर्जुन प्रसाद शर्मा, पता मूसापुर कटिहार, चीन से, फेल।
- अग्निदेव चौधरी, पिता सीताराम चौधरी, पता-बिहपुर भागलपुर, त्रिभुवनपुर से, फेल
- अरुणेश कुमार श्रीवास्तव, ब्रजनंदन प्रसाद श्रीवास्तव, रक्सौल पूर्वी चंपारण, यूएसएसआर से, फेल।
- अभिनय आनंद, सुधीर प्रसाद सिंह, एफ 31, पीसी कॉलोनी, कंकड़बाग पटना, त्रिभुवन से, पहली बार फेल, दूसरी बार अनुपस्थित।
- मनोज कुमार, पिता देशराज सिंह, पता- गाजियाबाद यूपी, आर्मेनिया से, फेल।
- नीरज कुमार, पिता जगदीश सिंह, पता- बरौनी बेगूसराय, नाइजीरिया से, फेल।
- मुकेश कुमार, पिता विनोद कुमार, पता- बोकारा झारखंड, रूस से, फेल।
- धीरज कुमार सिंह, पिता- महेश प्रसाद सिंह मधुकर, पता महुआ वैशाली,यूएसएसआर से, कभी उपस्थित नहीं हुआ।