देहरादून- 28 अप्रैल। चिकित्सकों ने एक चार वर्षीय नन्हें बच्चे का पेसमेकर बदल कर चिकित्सा क्षेत्र में नया कीर्तिमान रचा है। साथ ही आहार नली की रुकावट का बिना चीर फाड़ इलाज करने की नई तकनीक ‘पोयम’ के जरिए 15 लोगों को ठीक करने में कामयाबी हासिल की है। शुक्रवार को ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने पत्रकारों से औपचारिक बातचीत में यह जानकारी दी।
ग्राफिक एरा के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राज प्रताप सिंह ने बताया कि देहरादून के चार साल के बच्चे के हृदय में लगा पेसमेकर बदलने के लिए एंडो कार्डियल के लिए राज्य में पहली बार हाईब्रिड टेक्निक इस्तेमाल की गई। पेट में टनल बनाकर ये तीसरी जगह पेसमेकर लगाया गया है। अब काफी सालों तक शरीर का विकास होने पर भी किसी बदलाव की जरूरत नहीं होगी।
डॉ. राज ने बताया कि पहले दिल में छेद का ऑपरेशन होने के बाद करीब एक साल की उम्र में इस बच्चे को पेसमेकर लगा था। उसके बाद संक्रमण होने पर पेसमेकर बदला गया था। अब बच्चा चार साल का होने पर शरीर में वृद्धि के कारण पेसमेकर के तार छोटे पड़ने लगे और उन्हें टूटने से पहले बदलना उसकी जीवन रक्षा के लिए आवश्यक हो गया था। ऐसी स्थिति में ग्राफिक एरा अस्पताल में हाईब्रिड तकनीक से उसके कंधे के नीचे से पेट के नीचे तक एक टनल बनाकर पेसमेकर लगाया गया। इसमें यह ध्यान रखा गया कि उम्र के साथ शरीर के विकास से पेसमेकर प्रभावित न हो। अगले 10 से 12 वर्षों तक यह पेसमेकर उसके सामान्य जीवन और विकास में उसका साथी रहेगा।
इसके अलावा ग्राफिक एरा अस्पताल के गेस्ट्रोएंटरोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. सचिन मुंजाल ने पोयम तकनीक से आहार नली में रूकावट से पीड़ित 15 रोगियों का बिना किसी ऑपरेशन इलाज करने में सफलता हासिल की है। यह तकनीक भी उत्तराखंड के लिए नई है।
ग्राफिक एरा अस्पताल के डायरेक्टर ऑपरेशन व प्रख्यात पल्मोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. पुनीत त्यागी ने बताया कि दुनिया की एकदम नई तकनीकों से सुसज्जित ऑपरेशन थियेटर, एडवांस कैथ लैब, एडवांस कोरेनरी केयर यूनिट, बहुत कम रेडिएशन वाली 128 स्लाइस की सीटी स्कैन मशीन, जिससे कॉर्डियल एन्जियोग्राफी भी की जा सकती है। अत्याधुनिक तकनीक थ्री टेस्ला की एमआरआई मशीन के साथ जटिल मामलों में भी अस्पताल में बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
डॉ. त्यागी ने बताया कि अस्पताल में कार्डियोलॉजी, नैफरोलॉजी, गैस्टो एण्डोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट जैसी सुविधाएं नई तकनीकों से जोड़ी गई हैं। आयुष्मान कार्ड धारकों को भी इनका लाभ मिल रहा है।