बाउल दर्शन संस्कृति का भारतीय दूतावास ने किया आयोजन

7 अगस्त : भारतीय दूतावास द्वारा यहां आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में कई चीनी और भारतीय विद्वानों ने भाग लिया। कार्यक्रम बाउल संगीत और दर्शन पर केंद्रित था। स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र ने भारतीय दूतावास में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें बाउल संगीत और दर्शन का ऑफ़लाइन और ऑनलाइन प्रसारण का अनोखा मिश्रण किया गया था।
क्या है बाउल?

बाउल एक प्रकार का आध्यात्मिक लोक गायन है जो ग्रामीण बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में प्रचलित है। यूनेस्को ने भी इसे सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया है। बाउल पंथ, जाति और धर्म से परे है और इसमें तंत्र, सूफीवाद, वैष्णववाद और बौद्ध धर्म का मिश्रण है।
गैर लाभकारी संगठन अक्षय पात्र
चर्चा में क्यों?

गैर लाभकारी संगठन अक्षय पात्र ने भारत में स्कूली बच्चों को मिड-डे मील खिलाने के लिए अमेरिका में अपने टेक्सास चैप्टर के माध्यम से 9,50,000 डॉलर (सात करोड़ 11 लाख रुपये से ज्यादा) जुटाए हैं। ‘वर्चुअल गाला-टेक्नोलॉजी फॉर चेंज’ नामक इस कार्यक्रम में एक हजार से अधिक व्यवसायियों, गैर लाभकारी संगठनों, सरकारी अधिकारियों और विश्व के परोपकारी व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। बता दें कि अक्षय पात्र भारत में भूख से पीडि़त बच्चों को ना केवल भोजन उपलब्ध कराता है बल्कि उनमें शिक्षा को भी बढ़ावा देने का काम करता है।
गैर लाभकारी संगठन अक्षय पात्र के बारे में

अक्षय पात्र दुनिया का सबसे बड़ा गैर लाभकारी संगठन है जो देश के 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 19,039 स्कूलों के 18 लाख बच्चों को प्रतिदिन पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराता है।
अक्षय पात्र की शुरुआत साल 2000 में अक्षय पात्र 5 स्कूलों के 1500 बच्चों को मिड-डे मील खिलाने के साथ शुरू हुआ था। दरअसल, बेंगलुरु के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष पद्मश्री मधु पंडित दास ने देखा कि कुछ बच्चे रोजाना मंदिर में आते हैं और खाना खाते हैं। जब बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि हम स्कूल में पढ़ते हैं। हम गरीब परिवार से हैं। भरपेट भोजन यहीं मिलता है। इसके बाद अक्षय पात्र फाउंडेशन की शुरूआत की गई।

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Author: lakshyatak

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