काठमांडू- 05 अगस्त। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद उत्पन्न हालात पर नेपाल की केन्द्रीय सुरक्षा समिति की आपातकालीन बैठक बुलाकर मामले की गम्भीरता पर चर्चा की गई। साथ ही गृह मंत्रालय ने बांग्लादेश के करीब रहे नेपाल के पूर्वी नाका पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने का निर्देश जारी किया है।
गृह मंत्रालय में आयोजित केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में गृहमंत्री रमेश लेखक, गृह सचिव एकनारायण अर्याल, नेपाल पुलिस के आईजीपी वसंत कुंवर, सशस्त्र प्रहरी बल के आईजी राजू आर्यल और खुफिया विभाग के प्रमुख हुतराज थापा शामिल हुए।
सुरक्षा समिति की बैठक के बाद गृहमंत्री ने पत्रकारों को संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बैठक में देश की पूर्वी सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने और चौकसी बढ़ाने पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह से हालात बिगड़ रहे हैं उसके मद्देनजर यह आशंका है कि भारत के रास्ते पूर्वी सीमा से वहां के लोग नेपाल में अवैध रूप से प्रवेश कर सकते हैं। इस तरह की किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए सुरक्षा बलों को निर्देश दिया गया है।
सुरक्षा समिति में चर्चा और गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद पूर्वी क्षेत्र में रहे कोशी प्रांत के झापा, मोरंग और सुनसरी जिले में रही सीमा चौकियों पर सख्ती कर दी गयी है। सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख राजू अर्याल ने बताया कि सुरक्षा समिति की बैठक से हमें निगरानी और जांच बढ़ाने के लिए कहा गया है। चूंकि नेपाल का पूर्वी क्षेत्र से बांग्लादेश सीमा की दूरी महज 15 किमी है। और पहले भी सैकड़ों बांग्लादेशी और रोहिंग्या इसी नाका से नेपाल में प्रवेश कर चुके हैं।
सुरक्षा समिति में यह भी आकलन किया गया है कि बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘लक्षित समूह और व्यक्ति’ तथा भारत में अवैध रूप से रहने वाले बंगालादेशी इसी समय का फायदा उठाकर नेपाल में प्रवेश कर सकते हैं।
नेपाल पुलिस के आईजीपी वसन्त कुंवर का कहना है कि नेपाल में फिर से रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी के घुसपैठ वाली अवस्था नहीं लाने के लिए अभी से ही सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है।