मधुबनी- 08 दिसंबर। पांच साल से छोटी उम्र के बच्चों की इम्युनिटी कम होती है। जिसकी वजह से उनके बीमार होने की संभावना ज्यादा रहती है। ठंड में बच्चों की सेहत का ध्यान नहीं रखा जाए तो उन्हें निमोनिया होने का खतरा हो सकता है। ये बातें बेनीपट्टी के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ पीएन झा ने कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों में निमोनिया आमतौर पर वायरल से होता है, जो 10-12 दिनों में ठीक भी हो जाता है। निमोनिया सांस से संबंधित एक गंभीर बीमारी है जो मौसम बदलने, सर्दी लगने से हो जाती है। बदलते मौसम में बच्चों की देखभाल करना जरूरी है। इस मौसम में निमोनिया परेशान कर सकता है इसलिए जरूरी है कि इस बीमारी के लक्षणों को तुरंत पहचाने और उनका उपचार करें। डॉ. झा ने कहा कि निमोनिया का लक्षण में बच्चों के बुखार,खांसी,सांस तेज चलना, पसली चलना या पसली धसना निमोनिया के लक्षण हैं। बच्चे में ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से इलाज कराएं। इस दौरान बच्चों के साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे। डॉ झा ने कहा कि खांसते हुए बच्चे की नाक और मुंह पर रूमाल रखें। कीटाणुओं को फैलने से रोकने के लिए अपने और अपने बच्चों के हाथ बार-बार धोते रहें। उन्होंने कहा कि इस दौरान भी बच्चों को मां का ही दूध देना चाहिए। मां का दूध बच्चे की इम्यूनिटी इम्प्रूव करेगा। मां के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं जो बच्चे को रोगों से बचाने में मददगार साबित होती है।
