फिल्म समीक्षा: ‘बैड न्यूज’ की कहानी देखकर आप कहेंगे ‘तौबा-तौबा’

‘एनिमल’ के कुछ दिन बाद तृप्ति डिमरी नई फिल्म ‘बैड न्यूज’ का पोस्टर रिलीज हुआ। जिससे उत्सुकता बढ़ गई। ‘बैड न्यूज’ का गाना ‘तौबा तौबा’ पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खूब धमाल मचा रहा है। इसलिए फिल्म को लेकर उत्सुकता और भी बढ़ गई। लेकिन ‘बैड न्यूज’ देखने के बाद बहुत निराशा हुई।’ कॉमेडी, रोमांस, इमोशंस वास्तव में क्या दिखाया जाए इस ‘कन्फ्यूजन’ के कारण फिल्म पूरी तरह से भटक गई है। इसलिए ‘बैड न्यूज’ देखने के बाद ‘खराब मूड’ के साथ थिएटर छोड़ना पड़ता है।

कहानी:

यदि आपने ‘बैड न्यूज़’ का ट्रेलर देखा है, तो आपको कहानी का अंदाज़ा हो गया होगा। हालाँकि, अगर हम कहानी पर प्रकाश डालना चाहते हैं, तो अखिल चड्ढा (विक्की कौशल) और सलोनी (तृप्ति डेमरी) दोनों की मुलाकात एक घरेलू कार्यक्रम में हुई थी। दोनों तुरंत एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। बाद में, वे दोस्त बन गए, प्यार हो गया और शादी कर ली। लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद कुछ कारणों से दोनों का तलाक हो जाता है। इसके बाद सलोनी मसूरी के लिए रवाना हो गई। वहां उसकी मुलाकात गुलाबिर (एमी वर्क) से हुई। बाद में, चीजें तब और खराब हो जाती हैं जब सलोनी उसी रात गुरबीर और अखिल के साथ ‘गड़बड़’ करने के बाद गर्भवती हो जाती है। परीक्षण के बाद जन्मे बच्चे का असली पिता कौन है? अखिल या गुरबीर? ऐसा सवाल सलोनी के सामने खड़ा है। फिर कहानी में उतार-चढ़ाव आते हैं। हमारे मन में की गई भविष्यवाणियाँ सच होती हैं। अंत में ‘सुखद अंत’ होता है और ‘बैड न्यूज़’ का अंत होता है।

डायरेक्शन:

फिल्म ‘बैड न्यूज’ को आनंद तिवारी ने डायरेक्ट किया है। आनंद ने ही ‘बंदिश बैंडिट्स’ जैसी खूबसूरत म्यूजिकल वेब सीरीज का निर्देशन किया था। इसके अलावा हम उन्हें ‘गो गोवा गॉन’ और कई विज्ञापनों में अभिनय करते हुए देख चुके हैं। यह बहुत बड़ी निराशा है कि आनंद ने बॉलीवुड में ऐसा विषय चुना। डायरेक्शन में भी आनंद इतना कमाल नहीं दिखा सके। फिल्म नीरस तरीके से आगे बढ़ती है। बैकग्राउंड म्यूजिक के जरिए कॉमेडी की कोशिश नाकाम हो जाती है। फिल्म में चुटकुले कोई नई बात नहीं है क्योंकि ये पहले ही ट्रेलर में देखे जा चुके हैं। हालाँकि, गाने और उसकी कोरियोग्राफी अच्छी है।

अभिनय:

पूरी फिल्म अंत तक देखते हैं इसके लिए विक्की कौशल को धन्यवाद। अखिल के सिंपल रोल को विक्की ने बड़ी दमदारी से निभाया है। इस भूमिका के लिए विक्की का अपना अध्ययन और उनकी तैयारी स्पष्ट है। विक्की साधारण परिस्थितियों में कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। ‘एनिमल’ में छोटा-सा किरदार निभाने वाली तृप्ति यहां ‘सजावटी गुड़िया’ के रूप में नजर आ रही हैं। उन्होंने अच्छी एक्टिंग की है। उनकी कॉमिक टाइमिंग भी अच्छी है। लेकिन ‘काला’, ‘बुलबुल’ जैसी फिल्में कर चुकीं तृप्ति से बेहतर और सार्थक भूमिकाओं में नजर आने की उम्मीद की जा सकती है। एमी वर्क ने गुलबीर का किरदार ईमानदारी से निभाया है। लेकिन उनकी जगह कोई और प्रभावी अभिनेता होना चाहिए था। क्योंकि विकी-एमी के एक साथ सीन के दौरान विकी एमी को एक्टिंग में पूरी तरह से पीछे छोड़ देते हैं।

इस तरह ‘बैड न्यूज’ दौड़ कर चारा खाने वाले बैल की तरह हो गई है। कथा इतनी लंबी है कि अंत में उबाऊ हो जाती है। यह तुलना की बात नहीं है, लेकिन एक तरफ साउथ में हम ‘मंजूमल बॉयज’, ‘आवेशम’, ‘महाराजा’ जैसी एक से बढ़कर एक अनोखी फिल्में देख रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ बॉलीवुड आज भी ‘बैड न्यूज’ जैसी टिपिकल कहानी में फंसा हुआ है। बॉलीवुड को खुद ‘आगे बढ़ने’ की जरूरत है।

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Author: lakshyatak

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