भारत

प्रधानमंत्री आज करेंगे ‘PM विश्वकर्मा’ योजना का शुभारंभ, योजना से देश के शिल्पकारों के सामान को दुनिया में नई पहचान मिलेगी

नई दिल्ली- 17 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर रविवार को सुबह करीब 11 बजे नई दिल्ली के द्वारका में स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में “पीएम विश्वकर्मा” नाम से एक नई योजना का शुभारंभ करेंगे। इसके अलावा द्वारका सेक्टर-21 से यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 तक दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का उद्घाटन भी करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में शनिवार को एक्स पोस्ट में कहा कि सामाजिक जीवन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हमारे हुनरमंद भाई-बहनों की खुशहाली और समृद्धि के लिए हम निरंतर प्रयासरत रहे हैं। इसी कड़ी में कल विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर पर हमें ‘पीएम विश्वकर्मा’ को शुरू करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। इस योजना से ना सिर्फ देशभर के कारीगरों और शिल्पकारों का कौशल निखरेगा, बल्कि हमारे इन परिवारजनों की बनाई चीजों को दुनियाभर में नई पहचान भी मिलेगी।

उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि कल, 17 सितंबर को सुबह 11 बजे, मैं दिल्ली के द्वारका में एक अत्याधुनिक और आधुनिक सम्मेलन और एक्सपो सेंटर यशोभूमि के चरण-1 का उद्घाटन करूंगा। मुझे विश्वास है कि सम्मेलनों और बैठकों के लिए यह एक अत्यंत लोकप्रिय गंतव्य होगा। यह दुनिया भर से प्रतिनिधियों को आकर्षित करेगा। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आप सभी को यह जानकर भी खुशी होगी कि यशोभूमि भी स्थिरता का पर्याय बनने जा रही है। इसमें एक आधुनिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली है, वर्षा जल संचयन के प्रावधान हैं और परिसर को भारतीय हरित भवन परिषद से प्लेटिनम प्रमाणन प्राप्त हुआ है। एक नए मेट्रो स्टेशन, ‘यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25’ का भी उद्घाटन किया जाएगा, जिससे यह प्रतिष्ठित स्थल दिल्ली मेट्रो हवाई अड्डे से जुड़ जाएगा।

प्रधानमंत्री का पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को सहायता प्रदान करने पर निरंतर ध्यान केंद्रित रहा है। यह फोकस न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध बनाए रखने की इच्छा से भी प्रेरित है।

पीएम विश्वकर्मा को 13,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। इस योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निःशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक संपार्श्विक-मुक्त ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी।

इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित प्रथा को मजबूत और पोषित करना है। पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों।

यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत अठारह पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया जाएगा। इनमें (i) बढ़ई; (ii) नाव निर्माता; (iii) कवचधारी; (iv) लोहार; (v) हथौड़ा और टूल किट निर्माता; (vi) ताला बनाने वाला; (vii) सुनार; (viii) कुम्हार; (ix) मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला; (x) मोची (जूता/जूता कारीगर); (xi) मेसन (राजमिस्त्री); (xii) टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर; (xiii) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); (xiv) नाई; (xv) माला बनाने वाला; (xvi) धोबी; (xvii) दर्जी; और (xviii) मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button