जयपुर- 20 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हाल ही के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह बार राजस्थान के दौरे कर चुके हैं। वे छह क्या 15-20 दौरे करें या अप-डाउन करें तो भी जनता मन बना चुकी है इस बार कांग्रेस की सरकार रिपीट करने का। नेहरु मेमोरियल का नाम बदलने के मामले में भी उन्होंने केंद्र सरकार और पीएम निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने देश का इतिहास बनाया, उनका नामों-निशान मिटाने का प्रयास किया जा रहा है, यह फासिस्ट सोच है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में पहुंचे और उसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी ने 18 साल के नौजवानों को वोट का अधिकार दिया। यह बहुत क्रांतिकारी फैसला था। राजीव गांधी ने ही उन्हें 34 साल की उम्र में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिया था, वे उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करवाना चाहते थे और देश के लिए शहीद हो गए। इतिहास गवाह है कि आज महिलाओं को जो अधिकार मिल रहे हैं, वह उनकी सोच की बदौलत ही संभव हो पाया है। स्थानीय निकाय और पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी राजीव गांधी के फैसलों के कारण ही संभव हो पाई है।
गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी के पांच साल के कार्यकाल में कई क्रांतिकारी फैसले हुए थे, लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी इस बात को समझ नहीं रहे हैं। उन्होंने और उनकी पार्टी ने ठान लिया है कि 70 साल में कांग्रेस ने जो किया, आजादी से पहले जो काम किया, त्याग बलिदान और कुर्बानी दी, जेल में बंद रहे, उन सबको भुला दो। इन सब चीजों का नामों-निशान मिटा दो। आज दिल्ली में बैठकर यही काम किया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम से जो संग्रहालय था, उसका नाम बदल दिया। उन्होंने जिंदगी में कभी किसी प्रधानमंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं की थी। जो इस तरह की सोच रखता होगा कि उनका नामोनिशान मिटा दो, जिन्होंने देश का इतिहास बनाया है। वे यह बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। आज वे इतिहास मिटाएंगे तो आने वाले समय में जब ये लोग बदलेंगे तो इनका इतिहास स्वत: ही मिट जाएगा, बल्कि काले अक्षरों में लिखा जाएगा। वे यह सोचते हैं कि आने वाली पीढ़ियां हमारे बारे में कुछ भी सोचे, परवाह नहीं है तो इसका मतलब यह है कि यह फासिस्ट सोच है। यह लोकतंत्र की हत्या करने वाली और संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली सोच है।
गहलोत ने प्रधानमंत्री के राजस्थान दौरों पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इन दिनों में छह बार राजस्थान आ चुके हैं। छह नहीं वे 15 बार आए या अप डाउन करें, तब भी इस बार जनता तय कर चुकी है कि सरकार को रिपीट करवाना है। लोकतंत्र में जनता ही माई बाप है। चाहे नरेंद्र मोदी हों, अमित शाह हों, धर्मेंद्र प्रधान हों, गजेंद्र सिंह शेखावत हो या और कोई हो, जिन्होंने प्रयास किया राजस्थान में सरकार गिराने का। प्रदेश की जनता ने उन्हें मात दी।
चीन को लेकर राहुल गांधी के बयान पर सवाल का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि दुनिया जानती है कि वहां (चीन सीमा पर) वास्तव में क्या हुआ है। लेकिन सरकार क्यों चीन को नाराज नहीं करना चाहती है। यह समझ से परे है। एक बार विदेश मंत्री ने कहा था कि हम चीन को नाराज नहीं कर सकते हैं। अगर कोई खुद ही स्वीकार करे कि वह दबाव में है, तो फिर क्या टिप्पणी की जाए।
गहलोत ने कहा कि वे लोग ढूंढते हैं कि किस राज्य में चुनाव आ रहा है। इसके बाद ईडी और इनकम टैक्स पहुंचता है और विपक्ष को चंदा देने वाले लोगों को डराया जाता है, ताकि वह चंदा नहीं दें। हम तो बिना साधनों के हैं, लेकिन फिर भी लड़ेंगे और अपनी योजनाओं के दम पर जनता के बीच जाएंगे। गहलोत ने कहा कि आज हर राज्य सरकार राजस्थान के मॉडल का अध्ययन कर रही है और अपने चुनावी घोषणा पत्र में यहां की योजनाओं को लिख रही है। गहलोत ने कहा कि हम घमंड नहीं रखते हैं, जैसे प्रधानमंत्री ने कहा कि अगली बार 15 अगस्त को वही लाल किले पर झंडा फहराएंगे।