
पेगासस स्पाईवेयर पर जवाब दे केंद्र सरकार: भरतपुर मेयर अभिजीत कुमार
पेगासस एक जासूसी सॉफ्टवेयर है जिसे इजराइल की एक सर्विलेंस कंपनी एनएसओ ने बनाया है घोषित तौर पर एन एस ओ सरकार या सरकार की एजेंसी इन को यह सॉफ्टवेयर बेचती है या लाइसेंस पर देती है ताकि वे सरकार अपने देश की आतंकवादियों और आतंकवादी गतिविधियों पर निगरानी रख सकें या जासूसी कर सकें पेगासस स्पाइवेयर को बड़ी आसानी से किसी भी मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है जो भी ऑपरेटर इससे आपके मोबाइल में इंस्टॉल करता है वह आपकी निजी जानकारियों को ट्रांसफर कर कर लेता है चाहे वह व्हाट्सएप हो फेसबुक हो ई-मेल हो यहां तक कि आपके पास वर्ड्स और आपकी जानकारी के बिना आपका कैमरा ऑन हो जाता है और आपके इर्द-गिर्द घटने वाली सारी घटनाओं की सूचनाएं ऑपरेटर को देता रहता है.
अभी अभी फिलहाल गार्जियन और 16 अन्य इंटरनेशनल मीडिया हाउसेज ने मिलकर पेगासस स्पाइवेयर की वर्किंग का इन्वेस्टिगेशन किया और इसके तहत एक रिपोर्ट पेश की जिसमें उन्होंने पाया कि खुद सरकार है जो अपने विरोधी और देश के नागरिकों की भी जासूसी कर रही है भारत के संदर्भ में इन्होंने 300 आदमियों की एक लिस्ट बनाई है जिसमें पूरी संभावना है कि उनकी जासूसी की गई है इस लिस्ट में विपक्ष की नेता साथ ही सत्ता पक्ष के कुछ मंत्री रक्षा अधिकारियों व्यवसायियों और कुछ व्यक्तिगत नाम है.
इस घटना को लेकर विपक्ष सत्ता थे संसद और और संसद के बाहर सरकार से 4 सवाल पूछता है
1. क्या सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है या लाइसेंस पर लिया है ?
2. यदि पेगासस स्पाइवेयर सरकार ने खरीदा है या लाइसेंस पर लिया है तो किस एजेंसी ने खरीदा है और कहां की पेमेंट किया है सरकार के किस हेड से इसका भुगतान किया गया है ?
3. जिन व्यक्तियों के नाम की लिस्ट सामने आई है क्या सरकार ने वास्तविकता में उनकी जासूसी की है ?
4. यदि सरकार ने वास्तविकता में इनकी जासूसी की है तो इस कानून के तहत इन व्यक्तियों की जासूसी की गई है ?
मेयर श्री अभिजीत कुमार जी ने सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है सरकार को जनता के लिए जनता के प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए जबकि सरकार उत्तर के बजाय खुद प्रश्न पूछ कर केवल गुमराह करने का कार्य करती है.