पुर्व CM मांझी ने CM नीतीश कुमार पर लगाया शराबबंदी के नाम पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप, कहा- बिहार में नेता व अधिकारी पीते हैं शराब, लागू हो गुजरात मॉडल

बेगूसराय- 06 जनवरी। हम के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शराबबंदी के नाम पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने एससी-एसटी वर्ग के लोगों पर एक्ट का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया है।शुक्रवार को बेगूसराय के कैथ में यज्ञ का शुभारंभ करने के लिए जाने के दौरान सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी के नाम पर दोहरा मापदंड अपना रहे हैं। शराब बुरी चीज है, शराबबंदी अच्छी बात है लेकिन इसके नाम पर प्रशासन खानापूर्ति कर आंकड़ा सरकार को भेज देती है। गरीब पकड़कर जेल भेजे जाते हैं और माफिया पैसा देकर छूट जाते हैं, नीतीश कुमार इस पर ध्यान दें।

उन्होंने कहा कि गरीब आदमी अगर एक सौ एमएल शराब पीकर रास्ते में मिल जाता है तो उसके मुंह में मशीन लगाकर जांच करते हुए जेल भेज दिया जाता है। जबकि रात में दस बजे के बाद बड़े-बड़े सफेदपोश नेता, ठेकेदार, न्यायायिक सेवा, सिविल सर्विस और पुलिस सेवा के लोग जाम लड़ाते हैं। सिर्फ पुरुष ही नहीं जाम लड़ाते हैं, बल्कि पुरुष और महिला दोनों मिलकर शराब पीते हैं। उन सफेदपोश में से कितने लोगों के मुंह में मशीन लगाया गया, उनकी जांच क्यों नहीं की गई।

मुख्यमंत्री यह दोहरा मापदंड नहीं अपना कर सबके साथ समान न्याय करें। गुजरात की तरह परमिट पर शराब देने की व्यवस्था करें। एससी-एसटी वर्ग के लोग कोई भी कार्य बगैर शराब के पूरा नहीं कर सकते हैं। शराब नहीं मिलती है तो उसे गलत तरीके से बनाया जाता है, बेचा जाता है। गुजरात मॉडल लागू किए जाने से विसंगति नहीं होगी।

मांझी ने तेजस्वी यादव से मांग किया कि सुधाकर सिंह पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाला जाए। मांझी ने कहा कि महागठबंधन के सभी दलों को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए, सुधाकर सिंह की नीति पालायनवादी है। वह जब मंत्री थे तो गड़बड़ी को सुधारना चाहिए, लेकिन भाग गए और आज ओछी कमेंट, अशोभनीय और मर्यादित बातें कर रहे हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। उनके ऐसा बयान देने से महागठबंधन की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, वे भाजपा के इशारा पर बोल रहे हैं। इसलिए तेजस्वी यादव को सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से बाहर निकलना चाहिए। ऐसा करने में हो रही देरी से संदेह पैदा हो रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा निकाले गए समाधान यात्रा एवं इस दौरान पूरे देश की यात्रा के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता से हटाए बगैर देश की प्रगति नहीं हो सकती है। इसलिए नीतीश कुमार देश की यात्रा कर लोगों को जागरूक करेंगे। नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सभी काबिलियत है, महागठबंधन भी ऐसा सोच रही है। लेकिन वह खुद कह चुके हैं कि पीएम मैटेरियल नहीं हैं। 45 डिग्री तापमान के गर्मी में भी बिहार की यात्रा किया और अब भीषण शीतलहर में भी यात्रा पर निकले हैं, यह सराहनीय बात है। कांग्रेस भी बिहार में यात्रा शुरू कर चुकी है। यात्राएं होनी चाहिए, इससे कई बातें सामने आती है, लेकिन कोई भी जो यात्रा करते हैं उन्हें गुप्त रूप से जनता की समस्याएं पता करनी चाहिए तो सही बातें निकल कर सामने आएगी।

हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश आलम की गिरफ्तारी के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि आरोप लगना अलग है और सिद्ध होना अलग, गलतफहमियां भी होती है। इसमें कानून अपना काम करेगा, हम लोग इंटरफेयर नहीं करेंगे। दानिश बड़बोले हैं, स्पष्ट बोलने वालों पर मुसीबतें आती है।

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Author: lakshyatak

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