पानी की कमी व पराली जलाने की समस्या पर राष्ट्रपति ने जताई चिंता

हिसार- 24 अप्रैल। राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मु ने पानी की कमी व पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पानी कृषि का एक अहम घटक है जो सीमित मात्रा में उपलब्ध है।

सोमवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि जल का मितव्ययता के साथ उपयोग किया जाए। उन स्थानों पर जहां पानी की कमी है वहां ऐसी फसलों का चयन किया जाए जिनमें पानी की खपत कम हो। सिंचाई में तकनीक का अधिकतम प्रयोग होना चाहिए जिससे जल-संसाधन का दोहन न्यूनतम हो सके। ऐसी तकनीक के विकास और प्रचार-प्रसार में एचएयू जैसे संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि पराली जलाने से प्रतिवर्ष पंजाब, हरियाणा और दिल्ली क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है। हमें प्रदूषण की समस्या का समाधान न सिर्फ अपने स्वास्थ्य के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए भी ढूंढना है। इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि एचएयू पराली जलाने के विकल्पों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। उन्हें विश्वास है कि आपका यह प्रयास न सिर्फ पर्यावरण के संरक्षण में योगदान देगा, बल्कि कृषि उत्पादकता को भी बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा कि कृषि एक व्यापक क्षेत्र है। अनाज, फल-फूल और दुग्ध उत्पादन तथा पशुपालन और मत्स्य पालन के अलावा कई और उद्योग हैं जिनका कृषि से सीधा संबंध है। उनका मानना है कि किसी भी विश्वविद्यालय को एक ऐसी प्रयोगशाला के रूप में कार्य करना चाहिए जहां से ज्ञान और वैभव हर तरफ फैले और पूरा समाज लाभांवित हो।

यह प्रसन्नता की बात है कि एचएयू के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र और कृषि विज्ञान केंद्र फसल उत्पादन तकनीकों के प्रचार-प्रसार के लिए किसानों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो और कृषि मेलों के द्वारा भी कृषि के विभिन्न पहलुओं पर जागरूकता फैलाई जा रही है। इन प्रयासों को और गति देने की आवश्यकता है जिससे देश की जनता, विशेषकर हरियाणावासी, अधिक से अधिक लाभांवित हो सके।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक स्टार्ट अप हब के रूप में उभरा है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इको सिस्टम आज भारत में है। हमारा कृषि क्षेत्र अनेक उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करता है। ऐसे में कृषि और इससे जुड़े कई क्षेत्रों में स्टार्ट अप की प्रचुर संभावनाएं हैं, इसलिए आप जैसे युवाओं को आगे आना चाहिए और नौकरी मांगने वाले की बजाय नौकरी देने वाले बनना चाहिए।

राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि इस विश्वविद्यालय ने ग्रामीण महिलाओं में एनीमिया की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में आयरन और जिंक से भरपूर विश्व का पहला बायो-फोर्टिफाइड बाजरा हाईब्रिड एचएचबी-299 विकसित किया था। राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि एचएयू ने अब तक फसलों की कई किस्मों का विकास किया है। यहां पर विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 18000 क्विंटल उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन होता है।

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Author: lakshyatak

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