पाकिस्तान अपनी गलतियों से सीखें और आतंक छोड़ सही रास्ता अपनाए: PM मोदी

नई दिल्ली- 16 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को प्रसारित एक पॉडकास्ट साक्षात्कार में भारत की विदेश नीति और बड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को अपनी गलतियों से सीखने और सही रास्ता अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं अपनी भूमिका निभाने में विफल रही हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प, चीन के साथ रिश्तों और यूक्रेन-रूस संघर्ष पर भी बातचीत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने आज अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ साक्षात्कार किया। उन्होंने इस दौरान कई विषयों पर पर चर्चा की। पाकिस्तान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश के साथ संबंधों को सुधारने के लिए उन्होंने ईमानदारी भरे कई प्रयास किए, लेकिन हर बार हमें धोखा और शत्रुता ही मिली है। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया। वे विशेष विमान यात्रा पर पाकिस्तान भी गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साक्षात्कार में बार-बार दोहराया कि भारत शांति का पक्षधर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जनता भी शांति चाहती है। पाकिस्तान न केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। वे अपनी आतंकवाद समर्थन की नीति नहीं बदल रहा है। हालांकि, पाकिस्तान इस बात को नहीं समझ पा रहा कि अपने यहां अराजगक तत्वों को बढ़ावा देने से उसका ही नुकसान है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पाकिस्तान अपनी गलतियों से सीख कर सही रास्ता अपनाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साहस की प्रशंसा की और कहा कि वह अपने देश अमेरिका को फर्स्ट बनाना चाहते हैं जैसे कि वह स्वयं अपने देश को फर्स्ट बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की सबसे बड़ी खास बात है कि वह अपने निर्णय स्वयं लेते हैं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके बीच की मजूबत दोस्ती का उल्लेख किया।

अपने साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ अपनी भूमिका निभाने में सफल रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठन समय के साथ खुद में बदलाव नहीं ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व युद्ध के बाद विश्व व्यवस्था में जिस तरह के बदलाव आए थे, उससे दुनिया ने एकीकृत होने की सीख ली थी। कोविड के दौरान भी ऐसी ही आपदा का हम सबने सामना किया, लेकिन इसके बावजूद दुनिया में हितों की लड़ाई और संघर्ष पनपे, जबकि दुनिया को एक होना चाहिए था। इन संघर्षों को रोकने में यूएन विफल रहा है। देश मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन को बातचीत के टेबल पर आने की सलाह देते हुए कहा कि वैश्विक स्थिति को देखते हुए यह संघर्ष समाप्ति का बेहतरीन अवसर है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने रूसी राष्ट्रपति और यूक्रेन के राष्ट्रपति दोनों से बातचीत से समाधान निकालने परामर्श दिया। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा, “दुनिया में कितने भी साथी उसके साथ खड़े हों, लेकिन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि बातचीत के टेबल पर ही निकलेगा।” वे मानते हैं कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की कीमत न केवल दोनों देश बल्कि वैश्विक दक्षिण भी उठा रहा है। दुनिया में तेल, उर्वरकों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में इजाफा हुआ है।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!