पपीते का फल ही नहीं, पत्तियां व बीज भी हैं स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

लखनऊ- 08 नवम्बर। शरीर के लिए पपीता फायदेमंद होता है, यह तो अधिकांश लोग जानते हैं लेकिन पपीते के साथ “आम तो आम,गुठलियों के दाम” वाली कहावत चरितार्थ होती है। उसके बीज और पत्ते भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए सर्वाधिक कारगर माना जाता है। इसी तरह इसका बीज कैंसर रोधी माना जाता है और इसके सेवन से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है। बीएचयू के पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर जेपी सिंह का कहना है कि पपीता के पत्ते में पैपिन एंजाइम की भरपूर मात्रा होती है, जो हमारे पाचन को मजबूत करने का काम करता है। इसके अलावा एल्काइन की अधिक मात्रा होने के कारण डैंड्रफ और बालों को झड़ने से रोकता है।

उन्होंने कहा कि विटामिन ए, सी, ई, के और बी की भरपूर मात्रा होती है। इसके पत्ते को चाय, जूस और टेबलेट के रूप में लिया जा सकता है। डेंगू के दौरान होने वाले बुखार, सिर दर्द में इसके सेवन से राहत मिलता है, वहीं प्लेटलेट्स भी बढ़ाता है। इसमें आवश्यक सारे विटामिन होने के कारण इसके सेवन से गैस, जलन, बदहजमी और कब्ज की परेशानी नहीं होती है और पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। उन्होंने बताया कि पपीते के पत्ते में एंटी फंगल गुण होते हैं। इस कारण इसके सेवन से बाल का झड़ना कम होता है। यह डैंड्रफ की परेशानी को दूर करने का काम करता है।

उन्होंने बताया कि पपीता के बीज भी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हैं। इसके बीज के सेवन से लीवर को मजबूती मिलती है। इसको मिक्सी में पीसकर नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से लीवर मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि बीज में एंटी बैक्टीरियल गुण भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो कि हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है। साथ ही पेट संबंधी तमाम बीमारियों को दूर करता है.

डाक्टर जेपी सिंह ने बताया कि पपीते का बीज कैंसर रोधी गुणों से भरपूर होता है, जो कि शरीर में कैंसर सेल्स को पनपने से रोकता है। यह पुरुषों को होने वाले प्रोस्टेट कैंसर से भी बचाता है। इसके अलावा ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। उन्होंने कहा कि पपीते का बीज किडनी के लिए रामबाण का काम करता है। यह किडनी को मजबूत बनाता है. साथ ही किडनी स्टोन को बाहर निकालने में भी मददगार होता है। त्वचा से जुड़ी किसी भी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पपीते के बीज बेहद लाभदायक हैं।

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Author: lakshyatak

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