भारत

देश की नारी शक्ति के सामर्थ्य का सम्मान है नारी शक्ति वंदन अधिनियम: PM मोदी

अहमदाबाद- 26 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदबाद हवाईअड्डे पर विशाल नारी शक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि महिला आरक्षण का सपना वर्षों पहले हमने मिलकर गुजरात की धरती से देखा था, आज उस संकल्प की सिद्धि के साथ आपके बीच आया हूं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम पूरे देश की माता-बहनों के लिए रक्षा बंधन का उपहार है। अधिनियम मेरी बहनों की अधिकारों की गारंटी है। बहनों के सपनों के पूरा होने की गारंटी है। देश की नारी शक्ति के सामर्थ्य का सम्मान है। विकसित भारत की गारंटी है। जब महिलाएं बड़ी संख्या में नेतृत्व को आगे आएंगी तो देश को आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता है।

अपने दो दिवसीय प्रवास पर गुजरात पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अहमदाबाद हवाई अड्डे पर जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुली जीप पर सवार होकर पहुंचे तो महिलाओं ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में उन्होंने विपक्ष का नाम लिए बगैर जमकर आड़े हाथों लिया। मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने दशकों से इसे लटकाकर रखा था, उन्हें भी महिला शक्ति के डर से इसका समर्थन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अपने बयानों में लोग किन्तु, परंतु लगा रहे थे, बहाने बना रहे थे। महिलाओं को अलग-अलग वर्गों में बांटकर पैतरा भी चल रहे थे। जब उन्हें लग गया कि यह सरकार पीछे हटने वाली नहीं है, देश की महिलाएं देख रही है कि संसद के भीतर क्या हो रहा है तो इन्हें मन मानकर मजबूर होकर इस कानून के पक्ष में वोट करना पड़ा।

महिलाओं का जीवन आसान हुआ—

प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम यानी विधानसभा से लेकर लोकसभा तक महिलाओं को प्रतिनिधत्व मिले, प्रतिनिधित्व बढ़े यह मोदी की गारंटी है। आजादी के इतने दशक तक नारी शक्ति के सामर्थ्य के साथ इंसाफ नहीं हुआ। किसी के एक हाथ और पैर को बांध कर रखा जाए तो आप उससे कितनी उम्मीद कर सकते हैं। पीएम ने कहा कि आधी आबादी की पूरी भागीदारी के बिना देश तेज विकास नहीं कर सकता है। हमने देखा है कि महिला अधिकार की बात पर पहले या तो सियासी बहाने बनाए जाते थे, या यह कहा जाता था कि महिलाएं सारा काम नहीं कर सकती हैं। हमने गुजरात से इसी सोच के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी। गुजरात में हमने परिवार, समाज और स्टेट तीनों स्तर पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई सफल अभियान चलाए। परिवार में पीने का पानी की जरूरत, आर्थिक भागीदारी हो या इलाज की चिंता हो इनसे महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। ऐसी योजनाएं बनाई जिससे महिलाओं का जीवन आसान हो।

गुजरात में समरस गांवों के लिए अधिक बजट—

प्रधानमंत्री ने गुजरात में महिलाओं से संबंधित कई योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने शिक्षा, राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था बनाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर महिलाओं का प्रतिनिधत्व बढ़ाने के लिए समरस पंचायत का प्रयोग शुरू किया गया। गुजरात में समरस गांवों में अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया था। स्थानीय निकायों में भी चार प्रमुख पदों में से एक पद महिला को देने का प्रावधान कराया। एससी और एसटी को भी एक पद देने का प्रावधान किया। आज देश में घर से लेकर संसद तक हर क्षेत्र में महिलाओं से जुड़े जो बड़े फैसले हो रहे हैं उसमें गुजरात के जुड़े इन अनुभव की बड़ी भूमिका है। गुजरात में हमने जेंडर बजट का प्रयोग किया था। नारी गौरव नीति बनाने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है।

हर क्षेत्र में महिलाओं को प्रधानता—

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में स्कील डवलपमेंट हुआ, रोजगार के अवसर बढ़े। अलग से महिला बाल विकास मंत्रालय की शुरुआत की गई। गुजरात में पुलिस समेत सभी सरकारी भर्तियों में 33 फीसदी आरक्षण है। पशुपालन के व्यवसाय में 65 फीसदी महिलाएं हैं। डेयरी क्षेत्र में 35 लाख से अधिक महिलाएं सक्रिय भागीदारी कर रही हैं। महिला दूध सहकारी मंडलियों का गठन किया गया। डेयरी की पेमेंट के लिए उस समय से डिजिटल पेंमेंट शुरू किया गया। इसके जरिए रोजाना 30 करोड़ रुपये का भुगतान महिलाओं के खाते में भेजा जाता है। आदिवासी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए वन मंडलियों में महिलाओं को स्थान दिया गया। महिला आर्थिक विकास निगम की शुरुआत की। सखी मंडलों का गठन किया गया। गुजरात में ढाई लाख से अधिक सखी मंडल कार्यरत हैं। एक समय गुजरात में माता मृत्युदर अधिक थी। पोषण पर काम किया गया। नतीजे बेहतर मिले हैं। पानी समितियों में महिलाओं की भागीदारी को अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिला था। यूएन और कॉमन वेल्थ एसोसिएशन से अवार्ड मिले। पीएम ने कहा कि बीते 9 वर्षों में हमने देश में महिलाओं के लिए जन्मदर से वृद्धावस्था तक महिला जीवन को बेहतर बनाने का काम किया। स्कूलों में शौचालय बनावाएं, सुकन्या योजना शुरू की गई। सेना से लेकर माइनिंग तक हर क्षेत्र में बेटियों के कैरियर के लिए दरवाजे खोल दिए गए। इंडस्ट्री हो या खेल का मैदान बेटियां हर क्षेत्र में नई बुलंदियों को छू रही है। एशिनयन गेम में वूमन क्रिकेट टीम ने गोल्ड मेडल जीतकर भारत का परचम फहराया।

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