दिल्ली का दम फूला, एक्यूआई 400 पार, दृश्यता घटी  

नई दिल्ली- 14 नवंबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में है। आज सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक( एक्यूआई) 400 पार कर गया । वायु प्रदूषण और सर्दी बढ़ने के साथ ही सांसों पर संकट बढ़ गया है। राजधानी की हवा में सुबह फैली जहरीली चादर के कारण एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी घटकर 300 मीटर पर पहुंच गई। एक्यूआई के 400 पार होने की भनक मिलते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने आज आपात बैठक बुलाई है।

इससे पहले आयोग ने सभी स्थानीय एजेंसियों को चेतावनी दी थी कि वह प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। महत्वपूर्ण यह है कि ग्रैप के दो चरण की पाबंदी के बावजूद प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, सुबह दिल्ली का औसत एक्यूआई 434 दर्ज किया गया। द्वारका में यह 426, द्वारका सेक्टर आठ में 460, नजफगढ़ में 455, आईजीआई में 435, मुंडका में 460, पूसा में 412, आया नगर में 421, शादीपुर में 429, पंजाबी बाग में 459, आरकेपुरम में 452, मंदिर मार्ग में 438, वजीरपुर में 467, रोहिणी में 452, अशोक विहार में 470, विवेक विहार में 462 दर्ज किया गया।

उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 की श्रेणी को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, आने वाले दो -तीन दिन राजधानी में सुबह और शाम धुंध की चादर छाई रह सकती है। तापमान के गिरने के साथ ही कोहरा छाने की संभावना रहेगी। सप्ताह के अंत में हवा की गति तेज होने की संभावना है। विभाग के अनुसार 16 नवंबर तक हरियाणा और आसपास सुबह के समय में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में 15 नवंबर तक घना कोहरा छाए रहने के आसार हैं। राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भी घना कोहरा रहेगा। आज राजधानी का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सिय रिकॉर्ड किया गया।

आज सुबह राजधानी में विजिबिलिटी घट कर 300 मीटर रह गई है। इसके कारण ट्रैफिक की गति काफी धीमी रही। सुबह 7 बजे की स्थिति के अनुसार, देश के कुछ हवाई अड्डों पर दृश्यता 1000 मीटर से कम रही। बताया गया है कि यह गोरखपुर में 0, आगरा 500, कानपुर में 600, लखनऊ में 800 और पालम 300 मीटर रही ।

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Author: lakshyatak

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