
दलाई लामा को गांधी मंडेला पुरस्कार मिलने पर हर्ष, भारत रत्न की मांग
कुशीनगर, 21 नवम्बर। भारत तिब्बत संवाद मंच ने बौद्ध धर्मगुरू परम पावन दलाई लामा को गांधी मंडेला पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर प्रसन्नता करते हुए उन्हें बधाई प्रेषित की है और गांधी मंडेला फाउण्डेशन के प्रति आभार प्रकट किया है। साथ ही भारत तिब्बत संवाद मंच ने केन्द्र सरकार से दलाई लामा को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘‘भारत रत्न’’ देने की मांग की है।
इस आशय की जानकारी देते हुए भारत तिब्बत संवाद मंच के अन्तरराष्ट्रीय समन्वयक डाॅ शुभलाल साह ने कहा कि पूरे विश्व में परम पावन दलाई लामा जी इस सम्मान के लिये सबसे योग्य व्यक्ति हैं क्योंकि वह शांति के सार्वभौमिक दूत हैं। उन्होने विश्व को अहिंसा और करुणा के सिद्धांत दिए हैं, जिनकी आज के समय में सर्वाधिक आवश्यकता है। क्योंकि यह सेना की शक्ति से अधिक प्रभावी हैं। हमारी संस्कृति में दूसरों के प्रति सद्भावना, करुणा और प्रेम की भावना है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसे आगे बढ़ाने का काम दलाई लामा ने किया है।
डाॅ शुभलाल साह ने गांधी मंडेला फाउंडेशन के प्रति आभार प्रकट हुए कहा कि दलाई लामा को यह पुरस्कार देकर उन्होंने हमारी हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति को सही मायने में आगे बढ़ाया है। महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के बाद दलाई लामा जी ही हैं, जिनमें विश्व नागरिक बनने की क्षमता है क्योंकि वह किसी भी देश सीमाओं से बंधे व्यक्ति नहीं हैं।
भारत तिब्बत संवाद मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ संजय शुक्ला ने कहा कि आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा बड़े समुदाय के रक्षक हैं और युवा पीढ़ी को दलाई लामा की शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए। वह महान नेता हैं, उन्होंने पूरे विश्व को शांति का मार्ग दिखाया है। विश्व में व्याप्त अशांति के दौर में दलाई लामा ने शांति का उपदेश दिया जो हमें यह बताता है कि शांति स्थापित करके सभी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।



