मधुबनी- 05 दिसंबर। डीआरडीए के सभा कक्ष में गुरुवार को जिला परिषद की सामान्य बैठक जिला परिषद अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक की शुरूआत होते ही हंगामा होना शुरू हो गया। जिला परिषद सदस्यों की कुल 27 मांग थी, जो जल योजना,विद्युत योजना,कृषि योजना, स्वास्थ्य योजना सहित कई मांगों को रखा गया, जो कि पिछले कई बैठक से मुद्दों पर जिला प्रशासन एवं अध्यक्ष के द्वारा अमल नहीं किया जा रहा है। जिससे क्षेत्र में विकास का कार्य पूर्ण रूप से अवरुद्ध है। बाबूबरही जिला परिषद सदस्य रणधीर खन्ना ने अपने क्षेत्र के चैमुखी विकास को लेकर कृषि कार्य के लिए सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने की मांग तथा हाई स्कूल प्रांगण में जो मार्केट कंपलेक्स बनाया गया वह पूर्ण रूप से अधूरी है। उसे पूरा करने की मांग की गई। वही बाबूबरही प्रखंड अंतर्गत बसहा पंचायत के दधिया पोखर का जिर्णोद्धार कार्य, लघु जन संसाधन विभाग के द्वारा वर्ष 2019 में कुल राशि 48 लाख 19 हजार से जल जीवन हरियाली के तहत शिलान्यास तो हुआ लेकिन कार्य पुरा नहीं किया गया। अंधराठाढ़ी सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा वेतन कोषांग में शिक्षकों को रखा गया है। जो अत्यंत ही खेद जनक है। जबकि सभी प्रखंडों में बीपीएम एवं बीआरपी की बहाली हुई है। लेकिन विभागीय आदेश एवं उच्च अधिकारी के आदेश के बाद भी शिक्षकों को वेतन कोषांग में रखना सरासर गलत है। इसे अति शीघ्र निरस्त करते हुए नए सिरे से वेतन कोषांग गठन करने का मांग की गई। वही मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बाबूबरही प्रखंड के नवका टोल से पर्वतीय टोल तक कोशीनहर के उत्तरी बाँध पर सड़क चयन हुआ था परंतु अभी तक निर्माण कार्य नहीं हो पाया है। इन्हीं सब बिंदुओं को लेकर जिला के सभी क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य अपनी-अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे थे। बैठक में उप विकास आयुक्त दीपेश कुमार, जिला परिषद सदस्य साईदा बानो,मो.रेजाउद्दीन,लक्ष्मी कुमारी,उमर अंसारी, अकीलुदीन,संजय राम,मो. फैयाज सहित सभी जिला परिषद सदस्य मौजूद थे।