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छत्तीसगढ़ के पहले उप मुख्यमंत्री बने टीएस बाबा, पसंद नहीं महाराज कहलाना

रायपुर-29 जून। टी.एस. सिंहदेव छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। टी.एस.सिंहदेव सरगुजा संभाग समेत छत्तीसगढ़ की सियासत में गहरी पैठ रखते हैं। इसे कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां बखूबी समझती हैं। इस वजह से विधानसभा चुनाव से महज चार-पांच माह पहले कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम का पद देकर पार्टी को नुकसान से बचाने की कवायद की है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 22 में पहली बार हुआ है कि किसी सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ऐतिहासिक 68 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही थी तब मुख्यमंत्री पद के दो प्रबल दावेदार भूपेश बघेल एवं टी.एस. सिंहदेव थे। उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भूपेश बघेल मजबूत तो थे ही विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं चुनावी घोषणा पत्र समिति के संयोजक के रूप में सिंहदेव का कद भी काफी बड़ा हो चुका था। अंतिम समय में मुख्यमंत्री पद के लिए फैसला बघेल के नाम पर हुआ और बघेल सरकार में सिंहदेव को स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री की जिम्मेदारी मिली। बाद में सिंहदेव ने पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया था और स्वास्थ्य मंत्री पद पर बने रहे।

सिंहदेव की सरगुजा क्षेत्र में गहरी पकड़ है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस किसी भी सूरत में आदिवासी बहुल क्षेत्र सरगुजा में अपनी पकड़ जरा भी कमजोर नहीं होने देना चाह रही है। ऐन चुनाव से 5 महीने पहले सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाया जाना उसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

महाराज कहलाना पसंद नहीं

सिंहदेव को राजा या महाराज कहलाना पसंद नहीं है, इसीलिए छत्तीसगढ़ के नागरिक उन्हें टीएस बाबा कहकर भी संबोधित करते हैं। 70 साल के टीएस सिंहदेव 1952 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जन्मे थे। उन्होंने भोपाल के हमीदिया कॉलेज से इतिहास में एमए किया है। उनकी राजनीतिक शुरुआत सन 1983 से अंबिकापुर नगरपालिका से मानी जाती है। वह यहां परिषद के पहले अध्यक्ष चुने गए थे।

सरगुजा में बड़ा नाम

सरगुजा राजघराना छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी कांग्रेस के साथ है। आजादी के समय से ही सरगुजा राजघराना कांग्रेस पार्टी के साथ है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में सरगुजा राजघराने का एक व्यक्ति शामिल हुआ करता था। इतना ही नहीं टीएस सिंहदेव के पिता मदनेश्वरशरण सिंहदेव मध्य प्रदेश शासन में चीफ सेक्रेटरी हुआ करते थे। बाबा साल 2008 से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

अंबिकापुर से लगातार तीसरी बार विधायक

टीएस सिंहदेव सरगुजा जिले की अंबिकापुर विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक हैं। साल 2013 में वो छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।

छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक में से एक टीएस बाबा

टीएस बाबा छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायकों में से एक हैं। 2008 से लगातार अंबिकापुर से विधायक हैं। उनकी संपत्ति करीब 500 करोड़ बताई जाती है।

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