काठमांडू- 20 अगस्त। चीन की ओर से पड़ रहे दबाब के कारण नेपाल सरकार ने सोशल नेटवर्किंग साइट टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध को हटाने की तैयारी कर ली है। चीनी पक्ष द्वारा बार-बार टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध पर सवाल उठाने के बाद सरकार ने प्रतिबंध हटाने के लिए काम शुरू कर दिया है।
तत्कालीन पुष्पकमल दाहाल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार ने सोशल मीडिया विनियमन दिशा निर्देशन जारी करते हुए 13 नवंबर 2023 को मंत्रिपरिषद की बैठक से टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। सरकार की तरफ से यह दलील देते हुए इसे बन्द करने का फैसला किया गया था कि टिकटॉक नेपाल के नियम कानूनों और दिशा निर्देश का पालन नहीं कर रहा है और समाज में विकृति फैलाते हुए सामाजिक सद्भाव तथा पारिवारिक एवं सांस्कृतिक परम्परा को ध्वस्त करने का काम कर रही है।
यह फैसला लेने से पहले प्रधानमंत्री प्रचंड ने तत्कालीन सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस और प्रतिपक्ष में रहे यूएमएल समेत अन्य पार्टियों से सलाह-मशविरा किया था। उस समय सभी प्रमुख दलों ने सरकार के प्रतिबंध को मौन समर्थन दिया था ।
प्रतिबंध लगने के बाद से ही टिकटॉक की तरफ से नेपाल के सभी कानूनों और शर्तों का पालन करने की लिखित प्रतिबद्धता देते हुए प्रतिबंध हटवाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। नेपाल सरकार द्वारा प्रतिबंध नहीं हटाए जाने के बाद से नेपाल में चीनी राजदूत छन सोंग हर राजनीतिक बैठक में टिकटॉक पर प्रतिबंध को लेकर अपना विरोध जताते रहे हैं।
प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार विष्णु रिमाल के मुताबिक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अधिकारियों को टिकटॉक से प्रतिबंध हटाने के संबंध में आवश्यक गृहकार्य करने का निर्देश दिया है। उन्होंने संचार मंत्रालय और उनकी टीम से टिकटॉक की प्रतिबद्धता पर चर्चा करने और कैबिनेट में जरूरी प्रस्ताव लाने को कहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि टिकटॉक पर प्रतिबंध से भू-राजनीति भी जुड़ी हुई है, इसलिए निर्णय लेना आसान नहीं होगा। प्रधानमंत्री की राय है कि टिकटॉक पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वह सरकार द्वारा बनाए गए मानकों को स्वीकार करने के लिए तैयार है। उन्होंने टिकटॉक पर प्रतिबंध हटाने के लिए सत्तारूढ़ साझेदार नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व स्तर से भी सहमति मांगी। सूत्रों का दावा है कि टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए सत्तारूढ़ घटक दल नेपाली कांग्रेस सकारात्मक दिख रही है।
टिकटॉक की तरफ से नेपाल सरकार से प्रतिबंध हटाने के लिए बार-बार पत्राचार भी किया गया है। एक सप्ताह पहले ही टिकटॉक के दक्षिण एशिया की सार्वजनिक नीति और सरकारी संबंध इकाई ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वीसुब्बा गुरुंग को एक पत्र लिखा था, जिसमें दोहराया गया था कि वे नेपाल के सभी कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। टिकटॉक द्वारा पत्र भेजकर कहा गया कि नेपाल का हर कानूनी प्रावधान उन्हें स्वीकार्य है, जिसके बाद संचार मंत्री ने प्रधानमंत्री से चर्चा की थी।