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गुजरात में बिपरजॉय की एंट्री के साथ तबाही शुरू, मध्यरात्रि तक रहेगा लैंडफॉल, सभी स्कूल बंद, परीक्षा रद्द

अहमदाबाद- 15 जून। अरब सागर में बना चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के कच्छ जिले के जखौ बंदरगाह के समीप गुरुवार शाम 6 बजे के करीब टकरा चुका है। मध्य रात्रि तक इसकी लैंडफॉल प्रक्रिया चलेगी। इस दौरान सौराष्ट्र-कच्छ में भारी बारिश और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। तेज हवा और धूल के कारण कच्छ, द्वारका, जामनगर और गिर सोमनाथ आदि जिलों में विजिबिलिटी कम हो गई है।

बिपरजॉय के गुजरात के समुद्र तट पर लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू होने के साथ तबाही के दृश्य दिखाई देने शुरू हो गए हैं। कच्छ जिले में तेज हवा के साथ मुंद्रा का समुद्र प्रचंड रूप धारण कर चुका है। तेज हवा के कारण कच्छ के कोटडा गांव के मकान की छत उड़ गई। अबडासा के सुजापर गांव का प्रवेश द्वार जमींदोज हो गया। कच्छ में बड़ी संख्या में खजूर के पेड़ धराशायी हो चुके हैं। कच्छ जिले की सभी पवनचक्की को बंद कर दिया गया है। 17 जून तक तमाम पवनचक्की को बंद रखने का प्रशासन ने सूचना दी है।

दूसरी ओर, चक्रवाती तूफान के कारण द्वारका का समुद्र भी प्रचंड रूप धारण कर चुका है। द्वारका किनारे लंगर में बंधे बोट डूबने लगे। जखौ बंदरगाह से 13 किलोमीटर दूर जखौ गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। सभी लोग घर और शेल्टर होम में बंद हो गए हैं। कच्छ के भचाउ स्थित सूरजबारी गांव में चेरा वांढ के समीप खाड़ी में 10 फीट तक पानी ऊपर आ गया है। यहां समीप रहने वाले लोग किसी भी हालत में वहां से हटने को तैयार नहीं है। प्रशासन उन्हें समझाने में जुटा है जिससे वे वह स्थान खाली कर दे।

परीक्षा रद्द, स्कूल बंद

गुजरात सार्वजनिक सेवा आयोग ने सहायक वन संरक्षक की परीक्षा रद्द करने की घोषणा की है। यह परीक्षा 19, 21 और 23 जून को होनी थी। इसके अलावा गिर सोमनाथ, नवसारी और अहमदाबाद के तमाम स्कूलों को 16 जून को बंद रखने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा चक्रवात के परिणामस्वरूप बसों के परिचालन को भी रोका गया है। इसके तहत जामनगर एसटी विभाग ने सभी रूटों पर बसों की आवाजाही रोक दी है।

एनडीआरएफ की 19 और एसडीआरएफ की 12 टीमें तैनात

गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, जूनागढ़, राजकोट और वलसाड समेत 9 तटीय जिलों और 1 केंद्र शासित प्रदेश दीव में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 19 टीमें तैनात की गई हैं। इसके साथ 7 तटीय जिलों (कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, जूनागढ़) और पाटण, बनासकांठा तथा सूरत में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 12 टुकड़ियां तैनात की गई हैं जबकि एक एसडीआरएफ टुकड़ी को रिजर्व रखा गया है।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां दुरुस्त

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने संभावित प्रभावित क्षेत्रों में दवाइयों और लॉजिस्टिक्स का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित किया है। संभावित प्रभावित जिलों के अस्पतालों में 100 फीसदी डीजल जनरेटरों की व्यवस्था की गई है। चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले क्षेत्रों में पर्याप्त चिकित्सा सहायता मुहैया कराने के लिए कुल 202 108-एंबुलेंस और 264 सरकारी एंबुलेंस आवंटित की गई हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संभावित प्रभावित क्षेत्रों में रह रहीं गर्भवती महिलाओं तथा उनकी अनुमानित डिलीवरी की तारीखों की सूची बनाई गई है, ताकि उन्हें समय पर उचित उपचार उपलब्ध कराया जा सके। इन जिलों में कुल 197 डीजी सेट आवंटित किए गए हैं।

राज्य एवं जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था

11 जून से ही गुजरात में राज्य स्तर तथा जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बना दिए गए हैं। कच्छ और सौराष्ट्र के क्षेत्रों में मेडिकल टीम और विशेषज्ञों को भेजा गया है। इसके तहत मोरबी में 10, कच्छ में 15, द्वारका में 5, जामनगर में 2, गिर सोमनाथ में 2 सहित लगभग 30 विशेषज्ञ डॉक्टरों को संभावित प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले सभी जिलों और महानगर पालिकाओं में एंटी एपिडेमिक ड्रग्स का स्टॉक सुनिश्चित किया गया है। इन प्रत्येक जिलों में एक मेडिकल कॉलेज आरआरटी और प्रत्येक तहसील में 2 मेडिकल टीमों की व्यवस्था की गई है। चक्रवात के प्रभावों को ध्यान में रखकर तत्काल प्रभाव से 50 लाख रुपए की ग्रांट भी जारी की गई है। इसके अंतर्गत कच्छ में 15 लाख रुपए और शेष 7 जिलों में 5 लाख रुपए प्रति जिला के हिसाब से ग्रांट जारी की गई है। संभावित प्रभावित जिलों में 92 वेक्टर कंट्रोल टीमें तैनात की गई हैं।

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