मोतिहारी- 04 अप्रैल। जिले में हर वर्ष गर्मी के दिनों में चमकी बुखार का खतरा बढ़ता है।जिसका शिकार ज्यादातर एक वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे होते हैं। ऐसे में चमकी जैसी गंभीर बीमारी को सतर्क रहने की जरूरत है।उक्त बाते जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताते हुए कहा कि अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है।
उन्होंने बताया कि गर्मियों के दिनों में चमकी बुखार का खतरा बढ़ जाता है,ऐसे में बच्चो को कड़ीधूप में न निकलने दे। इस मौसम में बच्चे को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाएं। सुबह उठते ही बच्चों को जगायें। साथ हीं देखें बच्चा में कहीं चमकी के लक्षण तो नहीं हैं। लक्षण हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचे। उन्होने बताया कि अब तक जिले में कल्याणपुर और छौड़ादानो दो प्रखंड में चमकी बुखार से पीड़ित दो बच्चे की पहचान हुई,जिनका त्वतरित समुचित इलाज होने से पूरी तरह स्वस्थ हो चुके है।
डीआईओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि चमकी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है। चमकी से प्रभावित प्रखंडों के साथ ही अन्य पीएचसी में उपर्युक्त दवाओं के साथ स्वास्थ्यकर्मी अलर्ट हैं, साथ ही चमकी से बचने के लिए लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। वही भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व रविन्द्र कुमार ने बताया जिले के सदर अस्पताल में 10 बेड वाले पीकू वार्ड में एईएस प्रभावित बच्चों के साथ-साथ 1 से 12 वर्ष तक के अति गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों का उपचार एवं देखभाल करने की पूरी तैयारी है।किया जाएगा।
कैसे करे चमकी से बचाव—
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ अमृतांशु ने बताया कि बढ़ रहे तापमान में चमकी /एईएस का खतरा रहता है। इससे बचाव के लिये अपने बच्चे को धूप से बचाएं। रात में बच्चे को किसी भी हालत में भूखे नहीं सोने दें। दिन में एक बार ओआरएस घोल जरूर पिलाएं। बच्चे को कच्चा एवं अधपका फल नहीं खाने दें। बच्चा अगर घर में भी है तो घर की खिड़की व दरवाजा बंद नहीं करें। हवादार रहने दें। साफ सफाई पर ध्यान दें। अपने क्षेत्र की आशा, चिकित्सकों व नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के नम्बर अपने पास रखें।