कोई एक व्यक्ति, पार्टी या अवतार देश को महान नहीं बना सकता: RSS प्रमुख

अहमदाबाद- 14 अप्रैल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को वस्त्रापुर इलाके के जीएमडीसी मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का “समाजशक्ति संगम” कार्यक्रम में राष्ट्र निर्माण में समाज कैसे अपना योगदान दे सकता है, इस पर अपने विचार प्रस्तुत किए। संघ प्रमुख ने कहा कि समाज मजबूत होना चाहिए। कोई एक व्यक्ति या पार्टी या अवतार देश को महान नहीं बना सकता। सिंहासन पर बैठने वाले को एक-एक कदम आगे देखना होता है। संघ शाखा में आयें और पात्र बनें। संघ का कार्यकर्ता समाज को आवश्यक बनाने और चलाने का काम करता है। शाखा में सब नहीं जा सकते। लेकिन हर किसी में कोई न कोई खूबी होती है। सबके पास कोई न कोई काम है। देश भक्ति जरूरी है। कोई पूछे तो जाति और भाषा बता देते हैं। विविधता अब देश में विशिष्टता बन गई है। हमें भेदभाव को दूर करना चाहिए और समझना चाहिए कि हम भारत माता के पुत्र हैं। हम पहले भारतीय हैं। हम हिन्दू हैं। यदि कोई हिन्दू नहीं, भारतीय कहता है तो यह पर्यायवाची है।

दो दिवसीय गुजरात दौरे आए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का आज जन्मदिन मनाया जा रहा है। देश से सारे भेद खत्म हो जाए, इस कार्य के लिए उन्होंने अपनी सारी संपत्ति, प्रतिभा लगा दी उन्हें हम याद करते हैं। हर महीने की 14 तारीख को बदलाव की तारीख होती है। सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करता है। हमारे देश को सशक्त बनाने और दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए जो महान कार्य हुए, वह 14 अप्रैल को हुआ। डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर का जन्म एक ऐसी घटना थी जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया। बदलाव आना चाहिए जो नहीं आया है। अब हमें इस बदलाव लाने की दिशा में बढ़ना है। हमें अपना राज्य चाहिए क्योंकि गुलामी की कोई अभिव्यक्ति नहीं होती। हमें देश में विदेशी नहीं चाहिए, हमें अपना राज्य चाहिए।

सरसंघचालक ने कहा कि हम स्वतंत्र होने के लिए स्वतंत्र हुए हैं। 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली और डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर ने संविधान बनाया और इसे संसद में पेश किया। 14 अप्रैल और 6 दिसंबर को डॉ. बाबासाहेब के संसद में कहे दो बातों को जरूर याद करना चाहिए। समाज के भेद मिटाने होंगे। हम एक समाज हैं। विदेशियों ने हमारे अलगाव का फायदा उठाया। डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर और हेडगेवार आपस में मिले और साथ में भोजन भी किए हैं। भारत में मतभेद दूर करने के लिए बाबासाहेब ने आरएसएस के बौद्धिक वर्ग में कहा था।

डॉ भागवत ने कहा कि हम विदेशियों के खिलाफ कमजोर हैं। यह तब तक नहीं होगा जब तक कि एक मजबूत समाज नहीं होगा। यह काम हमें करना चाहिए लेकिन कोई नहीं करता। एक मजबूत समाज बनाना होगा वरना उसे दूसरों से हारना होगा। भारत का निर्माण समाज करेगा। आज हमारा देश दुनिया में बड़ा हो गया है। जी-20 देशों का प्रतिनिधित्व हमारे पास है। पश्चिम भाग में हमें और जवानों को जागना पड़ता है। यहां देश के गौरव को धूमिल करने का काम किया जाता है। देश तरक्की कर रहा है लेकिन गरीबी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। जैसे-जैसे दुनिया में प्रतिष्ठा बढ़ रही है, लेकिन काम को आगे बढ़ाना है। देश के सामने कुछ चुनौतियां हैं लेकिन हम एक सशक्त, सदाचारी और एकजुट और शोषण मुक्त समाज चाहते हैं। समाज को आकार देने के लिए काम करना होगा। संघ शाखा ही देश को बड़ा बनाने की कवायद है। देश में संघ की शाखाएं चल रही हैं। संघ कश्मीर से कन्याकुमारी तक और मिजोरम से कच्छ तक फैल गया है। हमें अपना काम खुद करना है।

संघ प्रमुख ने कहा कि अपने देश के लोगों के लिए सद्भावना रखें, भेदभाव नहीं। अपनी शक्ति का उपयोग अपने देश और समाज को आगे बढ़ाने के लिए करना चाहिए। जितना हमारे लिए जरूरी है, उतना ही रखें, बाकी देश और समाज को दें। देश के सभी समझदार लोगों और स्वयंसेवकों को सभी स्वार्थों को दूर करना होगा। देश को विश्व गुरु बनाना है क्योंकि दुनिया को भारत की जरूरत है। पूरे समाज को आगे बढ़ाना है।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल विशेष रूप से मौजूद रहे। इससे पूर्व मोहन भागवत के मंच पर आने के साथ डॉ. बाबा अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। आरएसएस के स्वयंसेवकों ने योग किया। तत्पश्चात संघ ध्वजारोहण किया गया तथा संघ गान गाया गया। अहमदाबाद में आयोजित कार्यक्रम में आरएसएस सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत, कर्णावती संघ के नेता महेश पारिख, गुजरात प्रांत संघ के नेता डॉ. भरत पटेल, पश्चिम क्षेत्र के संघ चालक जयंती भाडेसिया मौजूद रहे। जीएमडीसी मैदान में करीब 14,000 संघ के स्वयंसेवक गणवेश में मौजूद थे।

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Author: lakshyatak

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