
केंद्र सरकार के कुतर्क सवालों का दिया जवाब :भरतपुर मेयर अभिजीत कुमार
पेगासस स्पाईवेयर जासूसी खुलासे के बाद भरतपुर मेयर अभिजीत कुमार ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा की सरकार हमारे सवालों के जवाब दे। सरकार को इस जासूसी काण्ड पर जवाब देना चाहिए,यह उनकी जवाबदेही है न की विपक्ष की। 300 से भी ज्यादा लोगो की निजता का मामला है;स्वतंत्र भारत में निजता का अधिकार सभी को मिला हुआ है जिसका मौजूदा सरकार में हनन हो रहा है।
सरकार से मेयर अभिजीत कुमार ने पूछा कि:-
1. ठीक मानसून सत्र से पहले इस खुलासे की क्या वजह है कहीं कोई साजिश तो नही।
2. अंधभक्त पूछते हैं की यदि आपका मोबाइल हैक हो गया और उसमें कुछ छुपाने लायक है ही नहीं तो आप परेशान क्यों होते हैं इस पर दी
मेयर अभिजीत कुमार जी ने सवाल को बेहद घटिया और कुतर्क की संज्ञा दी।
यह निजता पर हमला है व्यक्ति को पूर्ण अधिकार है कि वह अपनी किस जानकारी को कब और किसके साथ साझा करेगा यह वह खुद तय
करेगा जब मेरा नियंत्रण ही इस निजता से खत्म हो जाएगा तुम्हें नग्न हो जाऊंगा बेबस और लाचार हो जाऊंगा मेरी निजता भंग हो जाएगी यह
अधिकार संविधान ने किसी को भी नहीं दिया है की किसी की निजता भंग की जाए उदाहरण देकर भरतपुर मेयर ने समझाया कि जब
समाज या देश में किसी महिला की निजता भंग हो जाती है तो वह महिलाएं आत्महत्या तक कर लेती हैं यह घृणतम अपराध है
3. केंद्र सरकार के मंत्री मुख्यमंत्रियों और आलाकमान के द्वारा किए गए बेतुके सवाल की कहीं विदेशी सेनाएं हैं या विदेशी ताकतों के साथ
मिलकर राष्ट्र की छवि को खराब करने की साजिश तो नहीं है।
भरतपुर मेयर ने कहा कि हर बार की तरह यह सरकार का वहीं मिला जुला जुमला है जब भी कोई सरकार के विपक्ष में सवाल करता है तो उसे देश की प्रतिष्ठा देश की छवि के साथ जोड़ दिया जाता है देश और सरकार दोनों भिन्न है अलग-अलग हैं सरकार देश का अंग है देश सरकार का अंग नहीं है और सरकार को यह कभी भूलना भी नहीं चाहिए कि पिछले चुनाव में इन्हें मात्र 37% वोट मिले थे और इनके विरोध में 63% वोट मिले हैं इसका मतलब देश में केंद्र सरकार के विरोध की संख्या ज्यादा है केंद्र सरकार की जो छवि खराब हो रही है वह आपकी नीतियों की वजह से और आपके प्रबंधन की वजह से खराब हो रही है आप जिम्मेदार है कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं।
कोरोना की दूसरी लहर में चिकित्सकीय सुविधाओं के अभाव में लोगों का सड़कों पर मरना और गंगा में तैरती हुई लाशें यह बयां करती है कि आप की छवि विदेशों में क्या है और यह सारी की सारी सूचनाएं विदेशी मीडिया के लोगों को दी गई केंद्र सरकार यह कदापि ना भूलें छवि खराब करने के लिए आप स्वयं जिम्मेदार हैं विपक्ष नहीं मैं केंद्र सरकार से कहना चाहता हूं कि जिन लोगों को आपने लोगों की जासूसी करने का अधिकार दिया है कल कोई गारंटी नहीं है कि वह लोग आपकी जासूसी ना करें और आप की सूचनाएं दुश्मन राष्ट्रों को ना दें और जिस दिन ऐसा हो जाएगा उस दिन इस देश के लोकतंत्र का खात्मा हो जाएग।