भारत

किसान वर्ग का संगठित रहना राष्ट्रवाद के लिए ज़रूरी: जगदीप धनखड़

अजमेर- 14 नवंबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को पुष्कर में आयोजित 105 वें राष्ट्रीय जाट अधिवेशन में कहा कि किसानों को कृषि उत्पादों के विपणन पर भी ध्यान देना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि किसान समुदाय को बांटने की साजिश करने के प्रयासों को सब मिलकर रोक सकते हैं। किसान समाज की आत्मा है। किसान के बिना समाज की कल्पना मुश्किल है। किसानों के लिए 24 घंटे तत्पर रहकर कार्य करने में खुशी मिलेगी। किसान समाज की सेवा और पूजा करने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। किसान वर्ग का संगठित रहना राष्ट्रवाद के लिए सबसे उत्तम है। देश पर संकट आने की स्थिति में किसान अपनी छाती खोलकर संकट का मुकाबला करता है।

उन्होंने कहा कि अन्नदाता हमेशा से भारतीय समाज के लिए पूजनीय और वंदनीय रहे हैं। श्री वीर तेजाजी महाराज, महाराजा सूरजमल, राजा महेंद्र प्रताप, सर छोटूराम एवं नाथू राम मिर्धा ने किसान वर्ग का मार्गदर्शन किया है। ये हमारे देश की शक्ति का प्रतीक है। परिवार में बुजुर्गों का दायित्व नई पीढ़ी को नैतिक मूल्य प्रदान करना है। महिला शिक्षा को समाज में बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। महिलाओं के बुद्धि कौशल से दुनिया अचंभित है। इसी के साथ उन्होंने अपने परिवार, कुटुंब, वातवरण का ख्याल रखने और अपने कर्तव्यों का पालन करने पर भी जोर दिया।

धनखड़ ने किसानों से कृषि उत्पादों के विपणन और व्यापार में भी अपनी साझेदारी बढ़ाने का आग्रह किया। अपने द्वारा उत्पादित फसलों का व्यापार किसान को स्वयं करना चाहिए। अधिकतर उद्यमों का आधार कृषि है। कृषि उत्पादों का वेल्यू एडिशन करके मार्केटिंग करने से किसान समृद्ध होंगे। सरकार की सकारात्मक नीतियां इस कार्य में सहयोगी रहेगी। कृषि के क्षेत्रा में नवीनतम तकनीक आने से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। कृषि उत्पादों को तुरंत बेचने के स्थान पर बाजार की मांग एवं आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए बेचा जाना चाहिए।

पुष्कर दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति ने ब्रह्मा मंदिर एवं जाट शिव मंदिर में भी दर्शन किए एवं वीर तेजा और एनआर मिर्धा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर वीर तेजा कल्याण बोर्ड मध्यप्रदेश के अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण एवं संरक्षक हरसुख पूनियां उपस्थित रहे।

इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि समाज का गौरव बढ़ने से राष्ट्र का विकास होता है। समाज की 36 कौम को साथ लेकर चलने से देश का तेजी से विकास होगा। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा ही नहीं शून्य है। इसलिए महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। समाज में विषमता मिटाने की आवश्यकता है। पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि किसान देश की सीमाओं की रक्षा करने में सबसे आगे रहते हैं। समाज का विकास सबको साथ लेकर चलने से होगा। समाज को कुरीति मुक्त किया जाना चाहिए। नशा एवं मृत्यु भोज जैसी कुरीतियों से बचने की आवश्यकता है।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button